Wednesday, June 7, 2023
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जिका वायरस का इतिहास, लक्षण और रोकथाम के घरेलू उपाय | Zika Virus Symptoms & Prevention in Hindi

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जिका वायरस का इतिहास, लक्षण और रोकथाम के घरेलू उपाय Zika Virus Symptoms & Prevention in Hindi

भारत में जिका वायरस का पहला मामला केरल में पाया गया है। यह वायरस flaviviridae (पीत विषाणु) परिवार से है। ये दिन के समय ज्यादा एक्टिव रहते हैं। विकिपीडिया के अनुसार 1947 में इस बीमारी का पता चला, यह अफ्रीका से एशिया तक फैला हुआ है।

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जिका विषाणु क्या है और कैसे फैलता है?

जिका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से मनुष्य में फैलता है। यह एक वायरल इन्फेक्शन है। यह मनुष्य के saliva, semen और रक्त में भी पाया जाता है। इसी एडीज मच्छर से ही डेंगू और पीला बुखार का transmission होता है।

जिका वायरस का इतिहास

सबसे पहले वर्ष 1947 में पूर्वी अफ़्रीकी वैज्ञानिक जिका के जंगलों में लंगूर को पिंजरे में बंद कर के कुछ शोध कर रहे थे। फिर उस लंगूर को बुखार होने के बाद 1952 में उस infectious factor को जिका वायरस का नाम दिया गया।

मनुष्य में सबसे पहले नाइजीरिया में 1954 में ये वायरस पाया गया। 2007 तक ये इस वायरस का प्रकोप पूरे अफ्रीका, एशिया और अमेरिका में फ़ैल चुका था। और भारत में 28 जून को पहला मामला केरल में सामने आया था।

जिका विषाणु के लक्षण (Zika Virus Symptoms in Hindi)

इसके लक्षण भी लगभग वैसे हैं जैसे डेंगू बुखार में होते हैं और अधिकतर मामलों में लक्षणों का पता भी नहीं लगता।

1. बुखार और सिर में दर्द होना
2. त्वचा पर लाल चतक्के होना
3. आँखों का लाल होना
4. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
5. अस्वस्थता और थकान का बने रहना
6. बेचैनी होना
7. कीचड़ युक्त आँखें होना और उनमें बाल चुभने जैसी अनुभूति होना

इलाज अथवा रोकथाम के उपाय (Zika Virus Prevention in Hindi)

अभी तक जिका वायरस की कोई दवा या वैक्सीन नहीं है। लेकिन इसकी वैक्सीन का निर्माण अभी भी चल रहा है। लेकिन क्यूंकि इसके लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते हैं तो हमें वैसे ही बचाव कार्य करने होंगे जैसे डेंगू में करते हैं। जब तक वैक्सीन नहीं आती तब तक हमें कुछ सावधानियां बरतनी होंगी जैसे –

ढीले कपड़े पहनें

हल्के रंग के, लम्बे बाजू वाले टॉप और टी-शर्ट्स तथा पैन्ट्स और पजामा पहनें। ज्यादा टाइट कपड़े न पहनें, ढीले-ढाले और स्वच्छ कपड़े ही पहनें।

तरल पदार्थों का सेवन करें

वैसे तो इसके लक्षण हल्के होते हैं परन्तु जिन्हें बुखार, चतक्के या गठिया जैसे लक्षण हैं उन्हें भरपूर आराम करना चाहिए। साथ ही तरल पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए जैसे दाल का पानी, सूप और नारियल पानी पीना चाहिए।

साफ़-सफाई का रखें ध्यान

एडीज मच्छर वहां अधिक प्रजनन करते हैं जहाँ पानी रुका हो। इसलिए इनके प्रजनन को खत्म करने के लिए अपने आस-पास पानी न इकठा होने दें। जहाँ पानी पड़ा रहता है जैसे कूलर, फूलों के बर्तन आदि में कीटनाशक का उपयोग करें और 2-3 दिन में पानी को बदलते रहें। घर के आस-पास कूड़ा-कचरा न इकठ्ठा होने दें। साफ़-सफाई का पूरा ध्यान रखें।

मच्छरदानी का उपयोग करें

जिका वायरस ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को और बच्चों को अपनी चपेट में लेता है। इसलिए इससे बचने के लिए इन्हें मच्छरदानी में ही सोना चाहिए। दिन और शाम दोनों समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

जिका वायरस से केरल राज्य अलर्ट पर

19 मामलों को पुणे जांच के लिए भेजा गया, जिसमें से 13 मामलों की पुष्टि जिका वायरस के रूप में हुई। इस कारण केरल में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। पहले कोरोना अब एक और नया वायरस, कृपया सभी भारतवासी अपना ध्यान रखें। मच्छरों से बचाव करें, आसपास पानी न इकठ्ठा होने दें और साफ-सफाई का भी ध्यान रखें।

केरल के बाद अब पहला मामला उत्तरप्रदेश में सामने आया

डेंगू का कहर अभी थमा नहीं कि जीका वायरस ने भी अब उत्तर भारत में दस्तक दे दी है। 57 वर्षीय एम एम अली जिन्हें डेंगू बुखार के लक्षण पाए जाने पर 19 अक्टूबर को सेवेन एयरफोर्स में भर्ती कराया गया क्यूंकि वे एक एयरफोर्स के कर्मचारी हैं।

उनकी हालत में कोई सुधार न देखने पर उनके टेस्ट के लिए सैंपल पुणे भेजे गए थे। यहाँ टेस्ट होने पर पता कि मरीज जीका से ग्रसित है। इसके साथ ही कानपुर के डीएम ने बैठक बुलाई और सभी अधिकारियों के साथ स्थिति पाने की रणनीति बनाई और नगर निगम की टीम से फोगिंग और मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करने के निर्देश दिए।

उत्तरप्रदेश के कानपुर में जीका वायरस का कहर जारी है। कानपुर के चकेरी एयर फाॅर्स के तीन और कर्मचारियों में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। इनमें से एक नागरिक आदर्श नगर का है और दूसरा श्याम नगर का।

कुछ सामान्य प्रश्न

प्रश्न – जिका वायरस के लक्षण कितने दिनों तक रहते हैं?

उत्तर – जिका वायरस के लक्षण आमतौर पर 7 दिनों से कम रहते हैं। और कभी-कभी तो लक्षणों का पता भी नहीं चलता।

प्रश्न – क्या शारीरिक सम्बन्ध बनाने से जिका वायरस फैलता है?

उत्तर – जी हाँ, शोध के अनुसार शारीरिक सम्बन्ध बनाने और खून चढ़ाने से भी इसके फैलने की संभावना रहती है।

प्रश्न – जिका वायरस की जांच कैसे होती है?

उत्तर – जब उपर्युक्त लक्षण दिखाई देने लगे तो चिकित्सक मनुष्य के रक्त और अन्य तरल पदार्थों जैसे कि मूत्र, वीर्य की प्रयोगशाला में जाँच करके पुष्टि करते हैं।

प्रश्न – जिका वायरस का इलाज क्या है?

उत्तर – जिका वायरस के उपचार के लिए अभी कोई टीका नहीं बना है। जिका वैक्सीन का विकास अनुसंधान का एक सक्रिय क्षेत्र बना हुआ है।

प्रश्न – जिका विषाणु की सबसे बड़ी जटिलता क्या है?

उत्तर – इसकी सबसे बड़ी जटिलता यह है कि ये गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में जाकर फ़ैल सकता है। जिससे शिशु दिमागी रूप से कमजोर पैदा हो सकता है। इसकी वजह से पहले जन्म और गर्भपात जैसी स्थिति भी बन सकती है।

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