विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य घातक बीमारी के नियंत्रण में तत्काल कार्यवाई करना है। मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है।

तेज बुखार, सिरदर्द, जी मचलाना, उल्टी होना, पेट में दर्द, दस्त होना, मांसपेशियों में दर्द महसूस होना और मल से खून आने की समस्या हो सकती है।

मलेरिया के लक्षण 

मलेरिया के लक्षण 

मलेरिया के प्रकार  

प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम 

प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम 

इसमें व्यक्ति को लगातार उल्टियां होती हैं और तेज बुखार होता जिससे जान भी जा सकती है।

सोडियम विवैक्स 

यह विवैक्स परजीवी दिन के समय काटता है और बिनाइल टर्शियन मलेरिया पैदा करता है जो हर 48 घंटों के बाद अपना असर दिखाना शुरू करता है।

प्लास्मोडियम मलेरिया 

प्लास्मोडियम मलेरिया 

ये एक प्रकार का प्रोटोजोआ है, इस रोग में मरीज को हर चौथे दिन बुखार आ जाता है और रोगी के शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है।

प्लास्मोडियम नोलेसी 

प्लास्मोडियम नोलेसी 

इसमें रोगी को सिरदर्द, भूख न लगना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। ये एक प्राइमेट मलेरिया परजीवी है।

मलेरिया से बचाव 

*एक जगह पानी न इकठ्ठा होने दें  *पूरी बाजू की कमीज पहनें, मोज़े आदि से शरीर के हर हिस्से को ढककर रखें  *मच्छरदानी में सोएं  *घर के आस-पास समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराते रहें।

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