सफेद दाग कुष्ठ रोग के अंतर्गत आते हैं। आयुर्वेद में इसे श्वित्र कहा गया है। वैसे तो सभी कुष्ठ रोग एक-दुसरे के सम्पर्क में आने से फैलते हैं लेकिन सफेद दाग संक्रामक नहीं माना जाता।

सफेद दाग के प्रारम्भिक लक्षण

शुरुआत में सफेद धब्बे के आस-पास गुलाबी रंग का घेरा बन जाता है और बाल भी लाल होने लगते हैं। कुछ लोगों में धीरे-धीरे सफेद दाग बढ़ता है और कुछ में बहुत तेजी से बढ़ने लगता है।

सफेद दाग क्यों होता है

विरुद्ध खाद्य-पेय का सेवन करने से दूध के साथ खट्टी और नमकीन चीजें खाने से मॉडर्न साइंस के अनुसार ऑटो इम्यून बीमारी की वजह से होता है

सफेद दाग के घरेलू उपचार

बथुआ से सफेद दाग का इलाज

बथुआ और हरा धनिया लेकर अच्छे से कूट लें और इसका रस निकाल लें। इस रस को सीधे सफेद दाग वाले स्थान पर नित्य लगाएं।

बढ़ का पत्ता और बताशा से सफेद दाग का इलाज

सुबह सूर्य निकलने से पहले बढ़ के पत्ते को तोड़े और उससे 5 बूँदें दूध निकालकर चीनी वाले बताशे में डालकर खा जाएँ। सफ़ेद दाग को खत्म करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

बाकुची का तेल

बाकुची का तेल बहुत सी औषधियों को मिलाकर बनाया जाता है जो आपके सफेद कुष्ठ को ठीक करने के लिए फायदेमंद है। बस आपको इस तेल में यज्ञ की राख मिलाकर सफेद दाग वाले स्थान पर मालिश करनी है।

तुलसी से सफेद दाग का इलाज

आपको तुलसी के पत्तों का रस, नीम्बू का रस और कसौंदी के पत्तों का रस - इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर ताम्बे के बर्तन में 24 घंटे तक रखें और गाढ़ा हो जाने पर लेप करें।

सफेद दाग का रामबाण इलाज पतंजलि जानने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें