नपुंसकता एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति सम्भोग के दौरान अपने लिंग के कड़ेपन को बनाये रखने में सक्षम नहीं हो पाता।
नपुंसकता एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति सम्भोग के दौरान अपने लिंग के कड़ेपन को बनाये रखने में सक्षम नहीं हो पाता।
नपुंसकता के कारण
नपुंसकता के कारण
- हृदय सम्बन्धी रोगों के कारण
- थाइरोइड और डायबिटीज की वजह से
- शराब और धूम्रपान के अधिक सेवन से
- हृदय सम्बन्धी रोगों के कारण- थाइरोइड और डायबिटीज की वजह से- शराब और धूम्रपान के अधिक सेवन से
नपुंसकता को ठीक करने के घरेलू और आयुर्वेदिक तरीके
नपुंसकता को ठीक करने के घरेलू और आयुर्वेदिक तरीके
बंश लोचन
असली बंश लोचन और सत्व गिलोय बराबर मात्रा में लें तथा कूट लें। प्रतिदिन दो ग्राम शहद के साथ लें। इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है और जल्दी स्वतः स्खलित नहीं होता।
जटामांसी
जटामांसी
जटामांसी, जायफल, सोंठ और लौंग को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोजाना दिन में 3 बार सेवन करने से नपुंसकता से छुटकारा मिलता है।
जटामांसी, जायफल, सोंठ और लौंग को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोजाना दिन में 3 बार सेवन करने से नपुंसकता से छुटकारा मिलता है।
गोखरू
गोखरू
गोखरू का 10 ग्राम चूर्ण 14 ग्राम शहद में मिलाकर चाटने और इसके बाद बकरी का गर्म किया दूध मिश्री मिलाकर पीने की सलाह भी दी जाती है। इसके सेवन से नपुंसकता की समस्या दूर होती है।
गोखरू का 10 ग्राम चूर्ण 14 ग्राम शहद में मिलाकर चाटने और इसके बाद बकरी का गर्म किया दूध मिश्री मिलाकर पीने की सलाह भी दी जाती है। इसके सेवन से नपुंसकता की समस्या दूर होती है।
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