जानिये कैसे 20 साल पुराने सफेद दाग 3 दिनों में ठीक हो गई Vitiligo Ayurvedic Treatment Patanjali in Hindi
सफेद दाग कुष्ठ रोग के अंतर्गत आते हैं। आयुर्वेद में इसे श्वित्र कहा गया है। वैसे तो सभी कुष्ठ रोग एक-दुसरे के सम्पर्क में आने से फैलते हैं लेकिन सफेद दाग संक्रामक नहीं माना जाता। यह कृमिजन्य नहीं होता और इसमें शरीर की धातुएं भी नष्ट नहीं होती। यह सिर्फ त्वचा, रक्त, मांस और मेद में होता है।
आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा इसका कई लोगों पर सफलतापूर्वक उपचार किया गया है। आइये जानते हैं आयुर्वेदिक औषधियां जो सफेद दाग के उपचार में प्रयोग की जाती हैं और पतंजलि की कौनसी आयुर्वेदिक दवाई है जो सफेद दाग को कम कर सकती है।
दाद-खाज खुजली से छुटकारा पाने के लिए करें ये घरेलू उपचार
Table of Contents
सफेद दाग के प्रारम्भिक लक्षण
विटिलिगो के लक्षण में आपको चेहरे और हाथ-पैरों पर सफेद दाग हो जाते हैं। शुरुआत में सफेद धब्बे के आस-पास गुलाबी रंग का घेरा बन जाता है और बाल भी लाल होने लगते हैं। कुछ लोगों में धीरे-धीरे सफेद दाग बढ़ता है और कुछ में बहुत तेजी से बढ़ने लगता है। किसी भी प्रकार की खारिश-खुजली नहीं होती, बस आपके चेहरे की खूबसूरती पर बुरा असर डालते हैं।
सफेद दाग क्यों होता है
सफेद धब्बों के कारण निम्नलिखित हैं –
स. | कारण |
1 | विरुद्ध खाद्य-पेय का सेवन करने से |
2 | वमन और मल-मूत्रादि के वेगों को रोकने से |
3 | दूध के साथ खट्टी और नमकीन चीजें खाने से |
4 | मांसाहार के साथ दूध सेवन करने से |
5 | अधिक व्यायाम करने से भी |
6 | ज्यादा भारी भोजन करने के बाद परिश्रम करने से या भय युक्त होकर ठंडा पानी पीने से |
7 | मानसिक तनाव भी विटिलिगो को जन्म देता है |
8 | अनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं |
9 | मॉडर्न साइंस के अनुसार ऑटो इम्यून बीमारी की वजह से होता है |
सफेद दाग के घरेलू उपचार
पहले जानिये कुछ सरल घरेलू उपाय जो आपके सफेद दाग को खत्म करने के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं।
बथुआ से सफेद दाग का इलाज
बथुआ और हरा धनिया लेकर अच्छे से कूट लें और इसका रस निकाल लें। इस रस को सीधे सफेद दाग वाले स्थान पर नित्य लगाएं।
तुलसी से सफेद दाग का इलाज
तुलसी में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो हर प्रकार के त्वचा रोग को ठीक करने में उपयोगी हैं। सफेद दाग के लिए आपको तुलसी के पत्तों का रस, नीम्बू का रस और कसौंदी के पत्तों का रस – इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर ताम्बे के बर्तन में 24 घंटे तक रखें और गाढ़ा हो जाने पर लेप करें। इससे काफी लाभ मिलेगा।
बढ़ का पत्ता और बताशा से सफेद दाग का इलाज
सुबह सूर्य निकलने से पहले बढ़ के पत्ते को तोड़े और उससे 5 बूँदें दूध निकालकर चीनी वाले बताशे में डालकर खा जाएँ। ये त्वचा रोगों के लिए रामबाण है। सफ़ेद दाग को खत्म करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।
बाकुची का तेल
बाकुची का तेल बहुत सी औषधियों को मिलाकर बनाया जाता है जो आपके सफेद कुष्ठ को ठीक करने के लिए फायदेमंद है। बस आपको इस तेल में यज्ञ की राख मिलाकर सफेद दाग वाले स्थान पर मालिश करनी है।
सफेद दाग का रामबाण इलाज पतंजलि (Vitiligo Ayurvedic Treatment Patanjali in Hindi)
बाबा रामदेव जी द्वारा बताये गए कुछ गजब के नुस्खे और पतंजलि की औषधि जो सफेद दाग को खत्म करने में कारगर है।
सफेद दाग को खत्म करने के लिए पतंजलि का नुस्खा
नीम की पत्तियों का रस, गोमूत्र और एलोवेरा जेल – इन तीनों को अच्छी तरह मिक्स करके सफेद दाग वाले स्थान पर लगाएं। इस प्रयोग से काफी लाभ होगा क्यूंकि नीम, एलोवेरा और गोमूत्र तीनों ही एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर हैं।
सफेद दाग हटाने के लिए पतंजलि की दवाई
शुद्ध बाकुची चूर्ण, अमृता सत और रस माणिक्य – ये तीनों औषधियां पतंजलि की ले सकते हैं। इन तीनों को अच्छे से मिला लें और 1 ग्राम बच्चों और 2 ग्राम 18 साल से बड़ों को सेवन करना चाहिए।
महामंजिष्ठाद्यारिष्टा और खदिरारिष्ट – दोनों की 2-2 चम्मच दवा और बराबर का पानी मिलाकर भोजन के उपरांत सफेद दाग के मरीज को पिलाना चाहिए।
सफेद दाग मिटाने के लिए पतंजलि का लेप
पतंजलि का श्वित्रघन लेप लगाने से आपको शीघ्र ही लाभ दिखना शुरू हो जाएगा। और जल्दी फायदे के लिए आपको श्वित्रघन लेप को गोमूत्र और नीम के पत्तों के रस में मिलाकर लेप करना चाहिये।
नोट – श्वित्रघन लेप लगाने के बाद हो सकता है मोटे-मोटे दाने निकल आएं, लेकिन घबराएं नहीं आप इसके बाद एलोवेरा जेल लगा लें।
कुछ अन्य आयुर्वेदिक नुस्खे
सफेद दाग का आयुर्वेदिक इलाज करने के लिए आप अन्य नुस्खे भी देखें –
मैनसिल, वायविडंग, कासीस, गोरोचन, भड़भाड़ के बीज और सेंधानमक, इन सबका लेप श्वेतकुष्ठ नाश के लिए लगाना चाहिए।
मूली के बीज और बाकुची को गोमूत्र में पीसकर लेप करने से सफेद दाग की समस्या दूर होती है।
कठगूलर की छाल, विजयसार की लकड़ी, प्रियंगु फूल और सौंफ - इन सबको समभाग लेकर काढ़ा बनाये और प्रतिदिन पीएं। ये श्वेतकुष्ठ नष्ट करने के लिए उत्तम प्रयोग है।
सफेद दाग कितने प्रकार के होते हैं
श्वेतकुष्ठ को तीन नामों से जानना चाहिए – 1. दारुण श्वित्र 2. अरुण श्वित्र और 3. किलास श्वित्र। ये तीनों ही प्रायः त्रिदोषज होते हैं।
निष्कर्ष
आयुर्वेदिक औषधियां श्वेत कुष्ठ काफी कारगर साबित होती हैं परन्तु किसी भी औषधि जो सेवन करने वाली है उसे किसी कुशल आयुर्वेदिक चिकित्सक की परामर्श से ही सेवन करें। लेप आदि आप निश्चित होकर लगा सकते हैं।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – सफेद दाग में अंडा खाना चाहिए कि नहीं?
उत्तर – सफेद दाग में आप अंडे का सेवन कर सकते हैं परन्तु थोड़ी मात्रा में करें ज्यादा न खाएं और मछली, मीट आदि मांसाहार बिल्कुल वर्जित है।
प्रश्न – सफेद दाग में दूध पीना चाहिए या नहीं?
उत्तर – सफेद दाग में वैसे तो डेरी उत्पाद मना होते हैं लेकिन आधा गिलास दूध का पीने से कोई नुकसान नहीं होता। बस ध्यान इतना दें कि दूध के साथ नमकीन चीज न खाएं।
प्रश्न – सफेद दाग में कौन सा साबुन लगाना चाहिए?
उत्तर – आप कोई भी आयुर्वेदिक साबुन का प्रयोग कर सकते हैं जिसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण हो।
प्रश्न – सफेद दाग ठीक होने में कितना समय लगता है?
उत्तर – 1-2 महीने में तो असर दिखना शुरू होता है और पूरी तरह ठीक होने में कुछ लोगों को 3-4 महीने और कुछ को 1 साल भी लग जाता है यदि इसका उपचार आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा किया जाए तो।