Pneumonia in Infants Home Treatment Hindi बच्चों में निमोनिया के लक्षण और घरेलू उपचार
WHO की रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में हर घंटे 45 बच्चों की निमोनिया से मृत्यु हो जाती है। बच्चों में निमोनिया होने की संभावना अधिक होती है क्यूंकि इम्युनिटी कम होने के कारण इन्फेक्शन उन्हें जल्दी लपेटे में ले लेता है। अधिकतर मामलों में सर्दी-जुकाम और बुखार से इसकी शुरुआत होती है। परन्तु समय पर इलाज न किया जाए तो फेफड़ों में सूजन हो जाती है, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ होती होती है और जान भी जा सकती है। निमोनिया एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है लेकिन कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपचारों से आप इससे बच सकते हैं। लेकिन पहले जानते हैं निमोनिया के क्या लक्षण होते हैं।
बच्चों में खांसी और सीने में जकड़न के कुछ सरल घरेलू उपचार
निमोनिया के लक्षण
सर्दी-जुकाम के अलावा इसके अन्य कई लक्षण हैं –
घरेलू उपायों द्वारा निमोनिया का जड़ से इलाज (Pneumonia in Infants Home Treatment Hindi)
कुछ सरल परन्तु प्रभावशाली घरेलू उपाय जिनसे आप अपने बच्चों को निमोनिया जैसी खतरनाक बीमारी से बचा सकते हैं। आइये जानते हैं –
तिल या सरसों के तेल में 2-3 लहसुन की कलियाँ अच्छे से पकाएं। जब ये तेल हल्का गुनगुना रह जाए तो इसकी मालिश बच्चों के फेफड़ों वाली जगह पर करें। इससे खांसी में फर्क लगेगा और सांस लेने में आसानी होगी।
मेथी - 1 चम्मच, सोंठ - 1 चम्मच और 5 काली मिर्च एक गिलास पानी में उबाल लें और फिर इसे छानकर 1-2 चम्मच करके दिनभर बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में पिलायें। इससे फेफड़ों में जमा कफ बाहर निकलेगा।
ताजे अदरक के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर बच्चों को चटाएं क्यूंकि अदरक में एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण पाए जाते हैं जो सूजन को कम करते हैं और साथ ही शहद खांसी को कम करने में मदद करती है।
तुलसी के पत्ते, काली मिर्च, लौंग और ताजा अदरक - सभी को थोड़ी-सी मात्रा में लें और 1 गिलास में तब तक पकाएं जब तक पानी आधा गिलास न रह जाए। तत्पश्चात 1 या 2 चम्मच बच्चे की उम्र के अनुसार उसे पिलायें। पिलाते समय थोड़ा-सा शहद अवश्य मिलाएं।
यूकेलिपटिस के तेल में थोड़ा-सा लौंग का तेल मिलाकर छाती और पसलियों पर लगाएं। बच्चे को साँस लेने में आसानी होगी और यदि सिरदर्द है तो वहां भी लगाएं, काफी आराम मिलेगा।
निमोनिया में क्या खाना चाहिए
आयुर्वेद में कहा गया है कि मनुष्य आहार-विहार से किसी भी बीमारी को ठीक कर सकता है। आइये जानते हैं कि निमोनिया में क्या खाना चाहिए –
- हरी-पत्तेदार सब्जियों में मौजूद डाइटरी फाइबर और पोटैशियम आपकी बॉडी की मदद करता है निमोनिया से लड़ने में
- गाजर, चकुंदर का सेवन भी बहुत उपयोगी है
- साबुत अनाज भी फ़ायदेमंद है
- पानी भी पर्याप्त मात्रा में पीएं
- मूंग का सूप भी बनाकर पीएं
- अखरोट, खजूर का सेवन अवश्य करें
- हल्दी दूध जरूर पीएं
- नीम की कोमल पत्तों का साग भी लाभकारी है
बच्चों का घर पर ख्याल कैसे रखें?
घर पर कुछ सावधानियां रखकर आप अपने बच्चों को निमोनिया जैसी खतरनाक बीमारी से बचा सकती हैं –
- बच्चों को हमेशा खुले हवादार कमरे में ही रखें
- ये ध्यान रखें कि बच्चा हमेशा हाइड्रेटेड रहे
- बच्चा समय समय पर कुछ खाता रहे ताकि उसका एनर्जी लेवल मेन्टेन रहे
- बच्चे को गुनगुना पानी ही पिलायें
- बिना चिकित्सक की सलह से कोई भी दवा न दें
- अपने बच्चे की स्थिति के बारे वैद्य को बताते रहें
- बच्चों की साफ़-सफाई का भी ध्यान रखें
- घर पर कोई भी सदस्य बीड़ी-सिगरेट न पीए
- बच्चों को ठंड से बचाकर रखें
निमोनिया कितने दिन में ठीक हो जाता है?
बैक्टीरिया के कारण यदि निमोनिया हुआ है तो 7 से 15 दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपके फेफड़ों को कितना नुकसान हुआ है। और यदि फंगल इन्फेक्शन है तो 3 महीने तक भी इलाज चल सकता है।
क्या संकेत हैं जिससे पता चलता है कि निमोनिया में सुधार हो रहा है?
कुछ शारीरिक और मानसिक संकेतों द्वारा पता लगाया जा सकता है कि निमोनिया ठीक हो रहा है –
- दवा लेने के 48 से 72 घंटे तक मरीज का बुखार कम होने लगता है
- उसकी भूख खुलने लगती है
- उसका मन अच्छा होने लगता है
- वह अब दूसरों से बातचीत करना चाहता है
- चिड़चिड़ापन नहीं रहता
- चेहरे पर मुस्कान दिखने लगती है
निष्कर्ष
बच्चों में निमोनिया के लक्षण दिखने पर तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक को दिखाना चाहिए। उपर्युक्त घरेलू प्रयोग भी चिकित्सक की सलाह से ही दें।
सामान्य प्रश्न उत्तर
प्रश्न – निमोनिया में अंडा खाना चाहिए या नहीं?
उत्तर – जी नहीं, निमोनिया में अंडे का सेवन नहीं करें।
प्रश्न – निमोनिया में चावल खाना चाहिए या नहीं?
उत्तर – जी बिलकुल, आप चावल का सेवन कर सकते हैं।
प्रश्न – क्या निमोनिया में दूध पी सकते हैं?
उत्तर – जी बिल्कुल आप निमोनिया में दूध पी सकते हैं। जिन्हें कफ ज्यादा बन रही है, वे गाय का दूध पीएं तो ज्यादा बेहतर।
प्रश्न – निमोनिया में नहाना चाहिए या नहीं?
उत्तर – छोटे बच्चों को न नहलाएं क्यूंकि इसे उनको ज्यादा ठंड लग सकती है। आप नहाने की बजाय गर्म पानी में तौलिये को भिगोकर उससे अपने शरीर को साफ़ कर सकते हैं और कपड़े बदल लें।
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