Hypothyroidism Symptoms & Diet in Hindi हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण, कारण, घरेलू उपचार और डाइट प्लान
क्या आप भी अधिक चिंता करते हैं, खाने में आयोडीन की मात्रा कम लेते हैं या बहुत अधिक लेते हैं? तो ऐसे में आपको भी थाइरोइड की समस्या हो सकती है। यदि आपके परिवार पहले से कोई इस समस्या से पीड़ित है तो भी आपको इसके होने की संभावना अधिक हो सकती है। थाइरोइड नामक इस बीमारी में या तो शरीर बिल्कुल सूखता जाता है या मोटापा आपको घेर लेता है। पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों में ये रोग अधिक देखने को मिलता है। हम इसका इलाज घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खों द्वारा कर सकते हैं लेकिन पहले हम जानते हैं कि हाइपोथायरायडिज्म होता क्या है?
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हाइपोथायरायडिज्म क्या है?
हाइपोथायरायडिज्म थाइरोइड का ही एक प्रकार है। इसमें आपके थाइरोइड ग्लैंड की एक्टिविटी कम हो जाती है, जिसके कारण आपकी बॉडी के अंदर T3 और T4 हॉर्मोन का लेवल कम हो जाता है या TSH का लेवल जब बढ़ जाता है तो इस अवस्था को हाइपोथायरायडिज्म कहा गया है। ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, कुछ को जन्म के साथ भी हो सकती है।
हाइपोथायरायडिज्म के कारण और लक्षण
आइये अब जानते हैं इसके होने से शरीर में क्या होता है और इसके कारण क्या हैं –
स. | कारण | लक्षण |
1 | iodine की कमी होना या ज्यादा होना | त्वचा रूखी होने लगती है |
2 | दवाइयों के साइड-इफ़ेक्ट से भी ये समस्या होती है | बाल झड़ने लगते हैं |
3 | hyperthyroidism में कराई सर्जरी के कारण | आवाज़ में भारीपन आने लगेगा |
4 | थाइरोइड की cyst, adenoma और कैंसर की वजह से | मोटापा बढ़ने लगता है |
5 | पिटूटोरी ग्लैंड में किसी इन्फेक्शन के कारण | महिलाओं में पीरियड साइकिल डिस्टर्ब होने लगते हैं |
6 | गर्भधारण करने में दिक्कत आती है | |
7 | चिड़चिड़ापन होने लगता है | |
8 | मन में उदासी रह सकती है | |
9 | कब्ज़ की समस्या होने लगती है | |
10 | थकान महसूस होने के साथ नींद कम हो जाती है | |
11 | जोड़ों में अकड़न महसूस होने लगती है |
हाइपोथायरायडिज्म का घरेलू उपचार
जैसा कि ऊपर कहा था कि हाइपोथायरायडिज्म के घरेलू उपचार भी बताये जाएंगे तो अब उन्हीं के बारे विस्तार से जानते हैं।
सिंघाड़ा
सिंघाड़ा एक मौसमी फल है, इसे water chestnut भी कहते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में iodine पाया जाता है और ये iodone आपके थाइरोइड ग्लैंड के प्रॉपर फंक्शन करने में बहुत ज्यादा योगदान देता है।
अदरक
किसी भी तरीके से खाने में अदरक का प्रयोग अवश्य करिये क्यूंकि इसमें जिंक, मैग्नीशियम और पोटैशियम अच्छी मात्रा में होता है जो आपके थाइरोइड ग्लैंड के प्रॉपर फंक्शन के लिए बहुत जरूरी होता है।
सूखा नारियल
सूखे नारियल को ग्राइंडर में पीस लेना है। उसके बाद उसे किसी साफ़ कपड़े में डालकर उसे निचोड़ लेना है। इसमें कुछ तेल जैसा निकलेगा जिसमें फैटी एसिड उच्च मात्रा में होता है, जो थाइरोइड ग्लैंड की फंक्शनिंग के लिए उपयोगी है।
सेवन की विधि – इसके 2 चम्मच दूध में डालकर सुबह खाली पेट सेवन करें।
एप्पल साइडर विनेगर
ये आपके थाइरोइड हॉर्मोन को रेगुलेट करता है। इसके सेवन की विधि कुछ इस प्रकार है।
सेवन की विधि – 1 गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिला लें और 1 चम्मच शहद मिला लें और इसे अच्छी तरह से घोल लें। इसका सेवन नाश्ते के 2 घंटे बाद करें। आप कुछ ही दिनों में फर्क महसूस करने लगेंगे।
उज्जायी प्राणायाम
उज्जायी प्राणायाम से पहले आप अपने थाइरोइड को कण्ट्रोल और बाद में cure भी कर सकते हैं। उज्जायी का अर्थ होता है विजयी। इससे आप अपने तन-मन पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। इसे करने से ध्यान लगाने की क्षमता भी बढ़ती है।
योगासन
सर्वांगासन जिसे आसनों की रानी भी कहा जाता है। इसे करने से आपके थाइरोइड ग्रंथि पर दबाव पड़ता है और इसकी फंक्शनिंग में सुधार होता है। वैसे तो सभी अंगों का व्यायाम करता है, को ठीक करने में इसका बहुत ही अहम रोल है। सर्वांगासन का उचित लाभ लेने के लिए इसके बाद आपको मत्स्यासन अवश्य करना चाहिए।
धनिये का पानी
धनिया इम्युनिटी बढ़ाने के साथ-साथ पाचनतंत्र को स्वस्थ करता है और वजन घटाने में भी मददगार है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर में फ्री रेडिक्लस को कम करने में मदद करते हैं। इसके पानी पीने से ह्य्पोथयरॉइड की समस्या को भी कम किया जा सकता है।
हाइपोथायरायडिज्म के लिए डाइट प्लान
यहाँ हम आपको 7 दिनों का पूरा डाइट प्लान बता रहे हैं। इसके पालन करने से आप काफी हद तक आपके थाइरोइड ग्लैंड की प्रॉपर फंक्शनिंग होगी।
समय | खाना |
सुबह 7 बजे | धनिये का पानी (1 गिलास) 5 बादाम रातभर पानी में भिगोये हुए छिलका उतार कर खाएं |
सुबह 8.30 बजे | oats दलिया/ पोहा/ ज्वार डोसा |
सुबह 11.00 बजे | सेब और ओट्स की स्मूथी/ ताजा फलों का रस |
1.30 बजे (लंच) | ब्राउन राइस मेथी दाल के साथ/ दलिया खिचड़ी |
5.30 बजे | अदरक और मुलेठी की चाय/ मसाला मखाना |
8.00 बजे | बटरनट स्क्वाश सूप/ क्विनोआ दाल के साथ/ |
सोते समय | हल्दी दूध/ हल्दी पानी (1 गिलास) |
निष्कर्ष
हाइपोथायरायडिज्म को नियंत्रित करने से लिए उचित आहार लें और नियमित योगासन का अभ्यास करें। इससे आपको अवश्य लाभ मिलेगा। यदि घरेलू उपायों से ये कण्ट्रोल नहीं हो रहा तो चिकित्सक के पास जाकर जांच जरूर कराएं।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – हाइपोथायरायडिज्म में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
उत्तर- ये चीजें खाएं – डेरी प्रोडक्ट्स, ताजे फल जैसे जामुन, केला, संतरा, टमाटर आदि, क्विनोआ, चिया बीज और सन बीज इनका सेवन करें।
ये न खाएं –पत्ता गोभी, ब्रोक्कोली, शलजम, मूली, कसावा, बाजरा, बर्गर, केक, कुकीज इनका सेवन न करें।
प्रश्न – क्या हाइपोथायरायडिज्म को नैचुरली ठीक किया जा सकता है?
उत्तर- जी बिल्कुल ठीक किया जा सकता है बस आपको अपनी डाइट का ध्यान रखना है, नियमित व्यायाम करना है – योगासन इसमें काफी मददगार साबित होते हैं। बाकी कुछ अन्य फैक्टर्स पर भी डिपेंड करता है जैसे आपकी उम्र कितनी है, आप तनाव में तो नहीं रहते और आपका लाइफस्टाइल कैसा है।
प्रश्न – क्या मैं थाइरोइड के टेस्ट से पहले पानी पी सकता हूँ?
उत्तर- हांजी, आप थाइरोइड टेस्ट से पहले पानी पी सकते हैं, बस ध्यान रहे कि वो सादा पानी हो।
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