नपुंसकता और शीघ्रपतन को ठीक करने के घरेलू और आयुर्वेदिक तरीके Home Remedies for Erectile Dysfunction & Premature Ejaculation in Hindi
आज के समय का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यही बन गया है कि शीघ्रपतन और नपुंसकता क्यों होती है और इसका इलाज क्या है? क्या आप भी इस समस्या से झूझ रहे हैं? इस समस्या का सबसे बड़ा कारण है गलत जीवनशैली, दूषित वातावरण, तनाव और कुछ मनोवैज्ञानिक कारण भी हैं।
इस लेख में आपको ऐसे घरेलू और आयुर्वेदिक तरीके ( Home Remedies for Erectile Dysfunction & Premature Ejaculation in Hindi) बताये जाएंगे जिनकी सहायता से आप शीघ्रपतन और नपुंसकता जैसी समस्या से शीघ्र ही छुटकारा पा लेंगे। लेकिन उससे पहले जानेंगे इसका अर्थ क्या है और इसके होने के कारण और लक्षण।
नपुंसकता और शीघ्रपतन क्या है?
नपुंसकता – नपुंसकता एक ऐसी स्थिति है जब व्यक्ति सम्भोग के दौरान अपने लिंग के कड़ेपन को बनाये रखने में सक्षम नहीं हो पाता।
शीघ्रपतन – शीघ्रपतन में पुरुष का वीर्य जल्दी स्खलित हो जाता है जबकि अभी महिला को संतुष्टि नहीं हुई है। अध्ययन में ये पाया गया है कि इसका टाइमिंग से कोई लेना-देना नहीं है। जब दोनों पार्टनर संतुष्ट न हो, उस स्थिति को शीघ्रपतन कहा जाता है।
नपुंसकता और शीघ्रपतन के कारण और लक्षण
स. | नपुंसकता के कारण | नपुंसकता के लक्षण | शीघ्रपतन के कारण | शीघ्रपतन के लक्षण |
1 | मल, मूत्र और वीर्य आदि वेगों को रोकने से | नपुंसकता के कारण पुरुष का रंग पीला हो जाता है | ज्यादा सेंसिटिविटी होना | उत्तेजना होने के कुछ ही सेकण्ड्स में वीर्य स्खलित हो जाता है |
2 | हृदय सम्बन्धी रोगों के कारण | जीवनीशक्ति क्षीण हो जाती है | पेल्विक फ्लोर का कमजोर होना | हर्ष (प्रसन्नता) की कमी हो जाती है |
3 | थाइरोइड और डायबिटीज की वजह से | थकावट, उल्टी, खांसी और ज्वर का शिकार हो जाता है | ज्यादा तेज रेफ्लेक्सेस | यौन उत्तेजना का कम होना |
4 | गुदा मैथुन करने से | लिंग खड़ा नहीं होता | ज्यादा मात्रा में मज्जा निकलना | वीर्य का पीला होना, अतिगर्म और दुर्गन्धित होना |
5 | लिंग्वर्धनार्थ उत्तेजक एवं तीक्ष्ण औषधियों के प्रयोग से | लिंग यदि कड़क होता भी है तो ज्यादा देर कड़क नहीं रह पाता | इरेक्टाइल डिसफंक्शन | |
6 | ज्यादा तेज हस्तमैथुन करने से | दम फूलने लगता है | टेस्टेरोन होर्मोनेस का असंतुलित होना | |
7 | शराब और धूम्रपान के अधिक सेवन से | पसीना छूटने लगता है | घबराहट के कारण | |
8 | शोक, चिंता, भय और उत्पीड़न से | चिंता और डिप्रेशन की वजह से | ||
9 | परस्पर रस-गुणादि के विरुद्ध आहार करने से | थाइरोइड की समस्या |
नपुंसकता और शीघ्रपतन को ठीक करने के घरेलू और आयुर्वेदिक तरीके (Home Remedies for Erectile Dysfunction & Premature Ejaculation in Hindi)
आइये अब जानते हैं कुछ ऐसे घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे ( Home Remedies for Erectile Dysfunction & Premature Ejaculation in Hindi) जिनकी सहायता से आप नपुंसकता और शीघ्रपतन जैसी समस्यायों से मुक्ति पा लेंगे।
इमली के बीज
5 इमली के बीज रात को सोने से पहले एक कटोरी गर्म पानी में भिगो दें। सुबह को हाथ से रगड़कर इनका छिलका उतारें। एक किलो दूध में डालकर आधा दूध रहने तक पका लें। फिर दूध उतारकर प्राकृतिक रूप से ठंडा होने दें। बीज फूल जाएंगे।
सेवन की विधि – रात को सोने से पहले सारे बीजों को बारीक चबाकर खाएं, साथ में बाकी दूध भी पी लें। कुछ ही दिन में आश्चर्यजनक लाभ होगा। एक माह नियम से सेवन करें।
सावधानी – खटाई का परहेज करें। दवा लेते समय पूरी तरह ब्रह्मचर्य का पालन करें।
बंश लोचन
असली बंश लोचन और सत्व गिलोय बराबर मात्रा में लें तथा कूट लें। प्रतिदिन दो ग्राम शहद के साथ लें। इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है और जल्दी स्वतः स्खलित नहीं होता।
प्याज का रस
20 तोला प्याज का रस और 20 तोला शहद को मिलाकर शरबत तैयार कर लें। ढाई तोला रोज सेवन करने से नामर्दी और काम शक्ति की कमी में बड़ा लाभ होता है, साथ ही शरीर सबल और पुष्ट बनता है।
सूखे आंवले का चूर्ण
सूखे आंवले का चूर्ण – 6 ग्राम, गाय के दूध के साथ रोज खाने से मर्द का वीर्य अधिक गाढ़ा व शक्तिशाली बनता है। शरीर में शक्ति आती है तथा वीर्य विकारों जैसे – स्वप्न दोष, शीघ्रपतन आदि का शमन होता है।
जटामांसी
यह एक खुशबूदार शाक है, जिसका सम्बन्ध वैलेरियन परिवार से है। यदि कोई व्यक्ति नपुंसकता की गंभीर समस्या से परेशान है तो जटामांसी का प्रयोग उसके लिए काफी लाभकारी है।
सेवन की विधि – इस जड़ी-बूटी को पाउडर के रूप में लिया जाता है। इसके पाउडर एक चौथाई चम्मच को शहद के साथ लिया जाता है।
जटामांसी, जायफल, सोंठ और लौंग को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को रोजाना दिन में 3 बार सेवन करने से नपुंसकता से छुटकारा ( Home Remedies for Erectile Dysfunction & Premature Ejaculation in Hindi) मिलता है।
सावधानी – इसके ज्यादा सेवन से उल्टी, दस्त और गुर्दों को हानि पहुंच सकती है। इसके साथ साथ जिनकी त्वचा संवेदनशील है, उन्हें एलर्जी भी हो सकती है। तो जटामांसी का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
गोखरू
जिन पुरुषों को लिंग में इरेक्शन नहीं होता या वो उसे बनाये रखने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए गोखरू वरदान है। यह प्रोस्टेट ग्लैंड पर अच्छा असर डालता है जिससे पुरुष नपुंसकता की समस्या में लाभ मिलता है।
सेवन की विधि – इसके सूखे पौधे का बारीक पाउडर बनाकर इस्तेमाल किया जाता है। पाउडर को दिन में 2 बार पांच-पांच ग्राम मात्रा में एक कप गर्म दूध के साथ लेने की सलाह दी जाती है।
गोखरू का 10 ग्राम चूर्ण 14 ग्राम शहद में मिलाकर चाटने और इसके बाद बकरी का गर्म किया दूध मिश्री मिलाकर पीने की सलाह भी दी जाती है। इसके सेवन से नपुंसकता की समस्या दूर होती है।
सावधानी – जितनी भी आयुर्वेदिक औषधियां होती हैं, इनका सेवन किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करके ही लेना चाहिए। क्यूंकि हर व्यक्ति की शरीर की प्रवृति अलग होती है और उसी हिसाब से औषधि की मात्रा निर्धारित की जाती है।
केसर
केसर का प्रयोग सेक्स में पैदा हुई अरुचि को दूर करने में बहुत लाभकारी है। यह दुनिया का सबसे महंगा औषधीय पौधा है। देसी दवाइयों में केसर का उपयोग पूरे भारत में किया जाता है।
सेवन की विधि – केसर का दूध और अखरोट नपुंसकता को दूर करने में फायदेमंद( Home Remedies for Erectile Dysfunction & Premature Ejaculation in Hindi ) होता है। इसके लिए जाड़ों (सर्दियों) के मौसम में एक गिलास दूध में दो अखरोट की गिरी डालकर इसे उबाल लें। इसके बाद इसमें एक चुटकी केसर और एक चम्मच चीनी मिला लें। इस प्रकार से मिश्रण तैयार करके रोजाना एक महीने तक पीएं।
सावधानी – केसर की तासीर गर्म होती है। किसी भी अन्य जड़ी-बूटी की तरह इसका प्रयोग भी संतुलित मात्रा में ही करना चाहिए। एक साथ ज्यादा मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
शिलाजीत
शिलाजीत का असर शरीर के एण्ड्रोजन, एस्ट्रोजन और टेस्टेस्टरोन जैसे सभी तरह के सेक्सुअल होर्मोनेस पर होता है। शीघ्रपतन, नपुंसकता, शुक्राणुओं की कमी तथा महिलाओं और पुरुषों के शरीर से जुडी हर तरह की सेक्सुअल कमजोरी इसके इस्तेमाल से पूरी तरह ठीक हो जाती है।
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अश्वगंधा का सेवन करे नपुंसकता को दूर
अश्वगंधा का सेवन पुरुषों के लिए बहुत ही उपयोगी माना गया है। इसकी सारी जानकारी आपको ऊपर लिंक पर क्लिक करें, मिल जायेगी।
निष्कर्ष
उपर्युक्त सभी नुस्खे किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक ( Home Remedies for Erectile Dysfunction & Premature Ejaculation in Hindi )से पूछकर ही उपयोग में लाएं, क्यूंकि हर किसी व्यक्ति की शारीरिक संरचना अलग होती है, वे कौनसे राज्य में रहता है, वहां वातावरण कैसा है? इन सभी मापदंडों को ध्यान में रखकर औषधि की क्वांटिटी तय की जाती है।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – शीघ्रपतन और नपुंसकता को प्राकृतिक रूप से कैसे ठीक करें?
उत्तर – इसे प्राकृतिक रूप से ठीक करने के लिए आपको निम्लिखित कदम उठाने होंगे –
1. धूम्रपान बिल्कुल छोड़ दें
2. नित्य योग और ध्यान करें
3. फलों और सब्ज़ियों का सेवन अधिक करें
4. भोजन के बाद गुड़ अवश्य खाएं
5. कब्ज़ की समस्या कभी न होने दें
6. पर्याप्त नींद लें
7. वजन को नियंत्रित रखें
प्रश्न – वीर्य दोष कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर – वीर्य दोष आठ प्रकार के होते हैं। यदि आपका वीर्य भी इन आठों में से किसी एक प्रकार का है तो समझिये आपको वीर्य दोष है –
1. झागदार होना 2. पतला होना 3. रूखा होना 4. बदले हुए रंग का होना 5. दुर्गन्धयुक्त होना 6. चिपचिपा होना 7. अन्य रक्तादि धातुओं से मिला हुआ होना 8. निकलते समय बहुत कठिनाई से और कम निकलने वाला
प्रश्न – शुद्ध शुक्र के क्या लक्षण हैं?
उत्तर – जो वीर्य चिकना, घना, पिच्छिल (इतना चिकना जिस पर पैर फिसलता हो), मधुर, जलन न करने वाला एवं बिल्लौर पत्थर के समान श्वेत वर्ण का हो, उसे शुद्ध जानना चाहिए।
प्रश्न – वृद्धावस्था में नपुंसकता के लक्षण और निदान क्या हैं?
उत्तर – 60 वर्ष की ऊपर की आयु में जब पुरुष पहुंच जाता है तो उसका वीर्य क्षीण हो जाता है।
लक्षण – शरीर का दुर्बल होना, शरीर का वर्ण विकृत होना, पुरुष की धातुएं क्षीण हो जाना। वह बलहीन और दीन होने के कारण शीघ्र ही अन्य रोगों से आक्रांत हो जाता है। ये लक्षण वृद्धावस्थाजन्य नपुंसकता के हैं।
निदान – ज्यादा परिश्रम न करें, वाजीकरण औषधियों का प्रयोग करें जैसे शिलाजीत, अश्वगंधा आदि, अच्छा और स्वादिष्ट भोजन करें, उपवास वगैरह न रखें।