हो गए हैं मुंह के छालों से परेशान तो अपनाएं ये 7 असरदार घरेलू नुस्खे Home Remedies for Mouth Ulcers in Hindi
मुंह में जब छाले हो जाते हैं तो कसम से बहुत तंग करते हैं और कई बार तो जीभ पर भी हो जाते हैं। सच में खाने-पीने का मजा तो खराब होता ही है। यदि दांतों के साथ स्पर्श हो जाए तो आह की आवाज़ भी निकल जाती है। पित्त प्रकृति के लोगों को, कब्ज़ रहने वालों को और बड़ी आंत में गंदगी होने की वजह से ये समस्या ज्यादा होती है।
इस समस्या का समाधान हम घरेलू उपाय अपनाकर (Home Remedies for Mouth Ulcers in Hindi) कर सकते हैं। थोड़ा सब्र रखिये आगे चलकर हम मुंह में छाले होने के कारण, इसके घरेलू उपचार और डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए, इन सभी विषयों पर डिटेल में बताएंगे। लेकिन पहले जानते हैं मुंह में छाले होने के कारण।
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मुंह के छाले क्या हैं?
मुंह के छाले, इसे मुखपाक भी कहा जाता है। ये बहुत ही दर्दनाक होते हैं, जीभ पर, होठों के पीछे और कपोलों पर ये ज्यादा होते हैं। इनके होने पर खाने में, बोलने में बहुत तकलीफ होती है। ये गोलाकार आकार के, रंग में लाल, सफेद और पीले रंग के होते हैं। आयुर्वेद में कहा गया है कि जिस व्यक्ति को मैदे की खराबी है या पित्त दोष है, उन्हें ये सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं।
मुंह में और जीभ पर छाले होने के कारण
मुंह में छालों का कारण पता करके ही हमें उसका इलाज करना चाहिए। इसलिए पहले जानते हैं मुंह के छाले आखिर क्यों होते हैं –
मुंह के छालों का करें घर पर उपचार इन आसान तरीकों से (Home Remedies for Mouth Ulcers in Hindi)
आइये अब जानते हैं कुछ ऐसे प्रभावशाली और प्रमाणित उपाय जिनके प्रयोग से मुंह के छालों का उपचार (Home Remedies for Mouth Ulcers in Hindi) किया जा सकता है –
देसी घी
आयुर्वेद में गाय के घी को अमृत माना गया है क्यूंकि ये हमारी आँतों को नरम करता है, कब्ज़ को दूर करता है, जठराग्नि को प्रदीप्त करता है। इसका प्रयोग मुंह के छालों को ठीक करने में इस प्रकार करें –
प्रयोग का तरीका – रात को सोते समय मुंह के अंदर जहाँ आपको छाले हुए हैं वहां गाय का शुद्ध घी लगाकर सोना चाहिए, कैसे भी छाले हों ठीक हो जाते हैं।
हल्दी
हल्दी के गुणों के बारे में हर कोई जानता हैं। इसके एंटी-बायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी किसी भी प्रकार के वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करने के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसमें वात और कफ दोषों को नियंत्रित करने के गुण भी होते हैं। आइये मुंह के छालों को ठीक करने के लिए इसका प्रयोग जानें –
प्रयोग का तरीका – एक तोला हल्दी को 1 किलो पानी में उबालकर ठंडा होने पर दिन में दो बार गरारे करने से दो दिन में छाले ठीक हो जाएंगे।
ग्लीसरीन
पानी कम पीने की वजह से मुंह सूख जाता है और ये एक बड़ी वजह है मुंह के छालों के लिए। इसका उपचार हम ग्लीसरीन की सहायता से कर सकते हैं क्यूंकि ये त्वचा को नर्म करता है और moisturise भी करता है।
प्रयोग कैसे करें – ग्लीसरीन 24 ग्राम में सिबाजोल की गोली पीसकर मिला लें। दिन में 3-4 बार रुई से लगाएं, छाले दूर हो जाएंगे, गले के दर्द में भी आराम मिलेगा।
कपूर
कपूर जलन को दूर करने में बहुत ही लाभकारी है। इसमें एसेंशियल आयल होता है जो त्वचा की जलन को दूर करता है और राहत प्रदान करता है। मुंह के छालों को ठीक करने में इसका प्रयोग इस प्रकार करें –
प्रयोग का नुस्खा – देसी घी 50 ग्राम आग पर गर्म करें और उसमें कपूर 6 ग्राम डालकर आग पर से उतारकर उस घी को मुंह में छालों पर लगाने से छाले बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं।
कत्था
पान में जो कत्था लगाया जाता है ये मुंह के छालों को ठीक करने के लिए बहुत ही कारगर माना गया है। इसे सीधा छालों पर लगाएं और कोशिश करें कि 15 मिनट तक ये लगा रहे। ये छालों को ठंडक पहुंचाएगा और उन्हें शांत करेगा। दिन में 3 बार इसका प्रयोग करें, आप देखेंगे कि 3 दिनों में ही छाले गायब हो जाएंगे।
शहद
शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। ये हीलिंग के लिए बहुत ही बढ़िया चीज है। इसे छालों को ठीक करने के लिए इस प्रकार प्रयोग करें –
प्रयोग का तरीका – शहद के अंदर थोड़ा-सा नारियल तेल मिलाएं, क्यूंकि शहद healing करता है और नारियल तेल cooling प्रदान करता है। अब इस मिश्रण को छालों पर रुई की मदद से लगाएं, कुछ ही दिनों के प्रयोग से mouth ulcer बिल्कुल ठीक हो जाएंगे।
दही और केले का प्रयोग करेगा mouth ulcer को दूर
जीभ पर छाले पड़ने पर गाय के दूध की दही के साथ केला कुछ दिन इस्तेमाल करें। इससे आपको बहुत फ़ायदा होगा क्यूंकि दही में विटामिन बी 12 पाया जाता है और केले में फाइबर पर्याप्त मात्रा में होता है। ये दोनों ही मुंह के छालों को ठीक करने में बहुत ही लाभकारी है। साथ ही केला और दही पेट और आँतों के लिए भी उत्तम माना जाता है।
शीतली प्रणायाम
शीतली प्राणायाम शरीर में ठंडक पहुंचाता है क्यूंकि पित्त बढ़ने के कारण ही mouth ulcer की शिकायत होती है। इसलिए हमें शीतली प्राणायाम अवश्य करना चाहिए।
जीवनशैली में क्या परिवर्तन लाएं अगर छाले बार-बार हो रहे हों तो
यदि हम निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना शुरू कर दें तो हमें कभी भी मुंह के छालों से परेशान नहीं होना पड़ेगा –
- कब्ज़ की शिकायत रहती है तो उसे तुरंत ठीक करें
- पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं और घूंट-घूंट करके पीएं
- तला-भुना और ज्यादा मिर्च मसाले वाला भोजन कम से कम खाएं
- ताजे फलों का सेवन अवश्य करें
- दांतों को साफ़ करने वाला ब्रश हर 3 महीने में बदलें
- खाने के बाद हमेशा कुल्ला करें, इससे मुंह में बैक्टीरिया नहीं पनपते
- जो टूथपेस्ट प्रयोग करते हैं उसमें ध्यान दें कि sodium lauryl sulfate न हो
- कई बार किसी व्यक्ति किसी particular चीज से एलर्जी होती है जैसे काजू, अंडा, तीखा भोजन आदि। तो ध्यान रहे कि इसका सेवन न करें।
डॉक्टर को कब दिखाएं?
ये बहुत ही सामान्य प्रश्न है कि डॉक्टर को कब दिखाएं। देखिये यदि आपको उपर्युक्त घरेलू उपाय का प्रयोग करके भी mouth ulcer में आराम नहीं मिल रहा है और मुंह के अंदर छाले बढ़ते ही जा रहे हैं तो ये जरूरी हो जाता है कि अब डॉक्टर को दिखाया जाए। समय सीमा की बात करूं तो कई बार 5-7 दिनों में मुंह के छाले बिना किसी दवाई के या घरेलू नुस्खे के ठीक हो जाते हैं। यदि आपको 7-10 दिन से ऊपर हो गए हैं और छालों की संख्या में भी वृद्धि हुई है तो तुरंत चिकित्सक के पास जाइये।
कुछ अन्य प्रश्न
प्रश्न – कैसे पता करें कि मुंह के छाले कैंसर वाले तो नहीं है?
उत्तर – जो बिना कैंसर वाला छाला होगा वो हल्का लाल और पीले रंग का होगा और घाव-सा बना होगा। जो कैंसर वाला छाला होगा, उसके अंदर कई रंग होंगे मतलब लाल और सफेद दोनों रंग होंगे मायने चक्कत्ते से जमे होंगे। एक अन्य अंतर इस प्रकार है कि जो कैंसर का छाला होता है उसमें दर्द नहीं होता और जो वैसे mouth ulcer होता है उसमें असहनीय पीड़ा होती है।
प्रश्न – मुंह के छाले किस विटामिन की कमी से होते हैं?
उत्तर – विटामिन बी12, विटामिन सी की कमी के कारण माउथ अलसर होने की संभावना बढ़ जाती जाती है। जिंक, फोलेट आदि मिनरल्स की कमी से भी mouth ulcer हो सकते हैं। इसलिए खाने-पीने का अवश्य ध्यान दें।
प्रश्न – मुंह के छाले होने पर क्या खाना चाहिए?
उत्तर – फाइबर युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। तरल पदार्थों जैसे दलीय में दूध डालकर लेना, खिचड़ी, ताजे फलों का रस, वेजिटेबल सूप आदि का सेवन करें। क्यूंकि चबाने से दांतों से छालों पर चोट लग सकती है और उनमें ज्यादा पीड़ा हो सकती है। इसलिए तरल पदार्थों का सेवन करें।
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