पेट दर्द और दस्त के कारण, घरेलू उपचार और परहेज 9 Beneficial Home Remedies for Loose Motion & Stomach Pain in Hindi
गलत खान-पान और भोजन का अच्छे से न पचने के कारण पाचन-तंत्र में गड़बड़ी आ जाती है जिससे दस्त की समस्या हो जाती है। कुछ लोगों को दस्त के साथ-साथ पेट में मरोड़ भी उठता है जो अधिक पीड़ादायक होता है। बार-बार शौच जाने के कारण शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जिससे शरीर में कमजोरी हो जाती है। बार बार शौच जाना एक तनावपूर्वक स्थिति उत्पन्न करता है जिससे मनुष्य की दिनचर्या काफी प्रभावित होती है।
पेट में दर्द और लूस मोशन की समस्या में आपको ये ध्यान देना चाहिए कि एकदम एंटीबायोटिक्स की तरफ न भागे। पहले कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खों का सहारा लेना चाहिए क्यूंकि काफी चिकित्सकों का मानना है की (Home Remedies for Loose Motion & Stomach Pain in Hindi) घरेलू नुस्खे दस्त को रोकने में अत्यंत प्रभावशाली होते हैं।
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दस्त क्या है?
आयुर्वेद में दस्त को अतिसार कहा गया है। वात कुपित होने से जठराग्नि मंद हो जाती है जिससे पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और खाया पिया पचता नहीं है। इसी कारण small intestine की कोशिकाओं का विस्तार हो जाता है और उनसे जलीय धातु का अत्यधिक मात्रा में स्त्राव होने लगता है। इसका परिणाम ये होता है कि रक्त में जल की कमी होने से स्वेट ग्लांड्स को कार्य करने का अवसर नहीं मिलता। इस अवस्था में गुदामार्ग से जलीय धातु के अत्यधिक मात्रा में निकलती है, जिसे पतला मल भी कहते हैं।
दस्त के कारण और लक्षण
अब जानते हैं किन कारणों से दस्त की समस्या होती है और इसके लक्षण क्या हैं –
स. | कारण | लक्षण |
1 | अधिक धूप में बैठने से | थकान और कमजोरी महसूस होना |
2 | अधिक व्यायाम करने की वजह से | मुख का सूखना |
3 | ज्यादा मात्रा में शराब पीने से | मल का झाग युक्त होना |
4 | रूक्ष आहार-विहार से | मरीज को मूर्छा होना |
5 | समय बिताकर भोजन करने से | गुदा में जलन होना |
6 | नित्य मैथुन करने लगे तो | मुंह में पानी आते रहना |
7 | मल-मूत्र के वेगों को रोकने से | नींद और आलस्य सताते रहना |
8 | अधिक तनाव के कारण | पानी के समान मल का आना |
9 | गर्मियों के मौसम में कई बार अधिक मात्रा में पानी पिया जाता है, इस कारण भी दस्त की समस्या हो जाती है | गुदा का बाहर निकल आना |
पेट दर्द और दस्त को ठीक करने के आसान चमत्कारी घरेलू उचार (Home Remedies for Loose Motion & Stomach Pain in Hindi)
आइये जानते हैं कुछ ऐसे चमत्कारी घरेलू उपाय (Home Remedies for Loose Motion & Stomach Pain in Hindi) जो दस्त को तुरंत रोकना में कारगर हैं –
पनीर का पानी लगाएगा दस्त पर ब्रेक
भैंस का ताजा कच्चा दूध (1 पाव) लें। उसके अंदर एक चम्मच चीनी और एक नीम्बू निचोड़ें, जिससे दूध फट जाएगा। छैना अलग और पानी अलग हो जाएगा। बस आपको इसी पानी को अच्छे से हिलाकर पीना है। आप देखेंगे कि दस्त पर तुरंत ब्रेक लग गयी है। इसे सुबह-शाम सेवन करें।
इलाइची का पानी कुछ ही देर में दस्त रोक देगा
इलाइची वात को संतुलित करती है और आँतों स्वास्थ्य के भी अत्यंत उपयोगी है। ये पुरुष की यौन दुर्बलता को दूर करने में भी लाभकारी है। दस्त को रोकने के लिए आपको 4 छोटी इलाइची को 900 ml पानी में पकाना है। जब पानी 3 कप रह जाए तो ठंडा होने के लिए रख दें। फिर एक एक कप 4-4 घंटे बाद पीएं। 8 घंटे बाद ही आपको फर्क दिखना शुरू हो जाएगा।
उबला हुआ सेब रोकेगा लूज़ मोशन को
उबले हुए सेब में pachytene होता है जो हमारी आँतों की मूवमेंट को नियंत्रित करता है और साथ ही उबले सेब में उच्च मात्रा में घुलनशील फाइबर होता है जिससे दस्त में बहुत लाभ मिलता है। आइये जानते हैं कैसे खाएं –
खाने का तरीका – 3-4 सेब को अच्छे से उबाल लीजिये और उसपर काला नमक लगा लें। थोड़ी-थोड़ी देर में उसे खाते रहें। 6 घंटे के भीतर ही आपको लूज़ मोशन में फर्क दिखने लगेगा।
नीम्बू-नमक का घोल करेगा दस्त और पेट दर्द को दूर
नीम्बू में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी होता है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए बहुत उपयोगी है। साथ ही यदि किसी को दस्त के साथ उल्टी की समस्या भी है तो नीम्बू-नमक का घोल बहुत ही फायदेमंद है और साथ ही यह पेट दर्द में लाभकारी है। इसे घर का ors भी कहा जाता है।
कैसे बनाएं – 1 गिलास पानी में एक नीम्बू और चुटकी भर नमक डालकर अच्छे से घोल लें। इसके साथ आप इसमें आधा चम्मच चीनी भी डाल सकते हैं। दिन में 5 गिलास इस पानी का सेवन करें। उल्टी, दस्त और पेट में मरोड़ के लिए यह घोल अत्यंत लाभकारी है।
मीठी लस्सी का सेवन दस्त में है रामबाण
मीठी लस्सी में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो दस्त के दौरान आँतों में कम हो जाते हैं। बस इन्हीं प्रोबायोटिक्स को बढ़ाने के लिए मीठी लस्सी का प्रयोग (Home Remedies for Loose Motion & Stomach Pain in Hindi) करना उचित होता है। इसे बनाने का तरीका समझ लें –
बनाने का तरीका – आधा गिलास दही लें और उसमें आधा गिलास ही पानी मिलाएं। इसे किसी ब्लेंडर में अच्छे से ब्लेंड कर लो। फिर इसमें 1 चम्मच चीनी मिलाओं और घोलकर पी जाओ। दिन में 2 बार मीठी लस्सी पीने से दस्त में काफी लाभ मिलता है।
बेल का मुरब्बा दस्त को रोकने में है बहुत उपयोगी
बेल की तासीर ठण्डी होती है। इसके मुरब्बे के अंदर बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करते हैं, साथ ही हैजा, दस्त जैसी समस्या को ठीक करने में बहुत उपयोगी हैं। बेल का मुरब्बा सुबह नाश्ते में खाने से पेट सम्बन्धी सभी रोग दूर हो जाते हैं।
कच्चा पपीता भी है दस्त रोकने में लाभकारी
कच्चे पपीते में पपेन नामक एंजाइम पाया जाता है जो हमारे पाचन तंत्र और उदर सम्बन्धी समस्याओं के लिए अत्यंत उपयोगी है। दिन में 3-4 कटोरी कच्चा पपीता खाने से दस्त में आराम मिलता है।
दस्त की आयुर्वेदिक दवा
आइये अब जानते हैं दस्त को रोकने की जबरदस्त आयुर्वेदिक औषधि –
1 चम्मच खसखस, 1 चम्मच मिश्री, 1/4 चम्मच जायफल – इन तीनों को अच्छे से पीसकर चूर्ण कर लें और इसमें दो चम्मच पानी मिलाकर पी जाएँ। दिन में 1 बार सुबह या शाम किसी भी समय ले सकते हैं। नीचे खाने-पीने सम्बन्धित जानकारी दी है, उसपर अवश्य ध्यान दें।
लूज़ मोशन में क्या खाना चाहिए
लूज़ मोशन में खाने-पीने का ध्यान रखना चाहिए क्यूंकि ज्यादातर ये समस्या गलत खान-पान से ही होती है।
- दही का सेवन करें
- केला खाना भी बहुत उपयोगी है
- खिचड़ी का सेवन भी कर सकते हैं
- नीम्बू पानी पीते रहे
- नारियल पानी पीना भी उपयोगी है
- चावल का पानी पीना भी अत्यंत लाभकारी है
- उबली हुई मूंग दाल का सेवन भी उपयोगी है
लूज़ मोशन में क्या नहीं खाना चाहिए
अब जानते हैं दस्त में किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए –
- रोटी न खाएं
- दूध का भी परहेज करें
- तीखा और चटपटा खाना भी न खाएं
- बासी भोजन बिल्कुल न करें
- सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स भी न पीएं
- जंक फ़ूड को हमेशा के लिए न कह दें
कुछ सामान्य प्रश्नोत्तर
प्रश्न – डायरिया कितने प्रकार का होता है?
उत्तर – डायरिया के दो प्रकार हैं – एक्यूट और क्रोनिक। क्रोनिक डायरिया में जान का खतरा भी हो सकता है। इसलिए समय पर इसका इलाज करना आवश्यक होता है।
प्रश्न – दस्त ठीक होने में कितना समय लगता है?
उत्तर – कुछ लोग एक दो बार पतला मल आने पर घबरा जाते हैं। कई बार गलत खान-पान से एक-दो बार दस्त हो जाती है और ये 1-2 दिनों में अपने-आप ठीक हो जाते हैं। यदि 3 दिन से अधिक ऐसा हो रहा है तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। ये क्रोनिक डायरिया हो सकता है।
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