पेट में बनती है अधिक गैस तो हो सकती है पित्ताशय में पथरी, जानिये इसका घरेलू उपचार Home Remedies for Gallbladder Stone in Hindi
ईश्वर द्वारा प्रदान हमारे इस खूबसूरत शरीर की रक्षा करना मानव का कर्तव्य है। आयुर्वेद में स्पष्ट कहा गया है कि अपने शरीर की रक्षा और उसकी सेहत का ध्यान रखना मानव जाति का धर्म है। शरीर का अहम हिस्सा पेट जहाँ हमारा खाना जाता है और इसे पचाने का काम करता है पित्ताशय (gallbladder), यहाँ अगर पथरी हो जाती है तो खाना पचाने में दिक्कत होती है और पेट में गैस अधिक बनने लगती है। हम कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे (Home Remedies for Gallbladder Stone in Hindi) बताएंगे जिससे पित्ताशय की पथरी को बिना सर्जरी के गलाया जा सकता है। लेकिन उससे पहले जानेंगे कि पित्ताशय की पथरी, लक्षण और पित्ताशय का क्या रोल है?
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शरीर में पित्ताशय की क्या भूमिका है?
पित्ताशय हमारे शरीर का वो महत्पूर्ण अंग है जो लिवर के थोड़ी नीचे होता है तथा पित्त की नलकी द्वारा लिवर और छोटी आंत को जोड़ने का कार्य करता है। गॉलब्लेडर का मुख्य काम लिवर के द्वारा बनाये गए bile को स्टोर करना होता है एवं गरिष्ठ भोजन को पचाने का काम करता है।
कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और अन्य चीजों के मिश्रण से पित्ताशय में छोटे-छोटे पिगमेंट्स बन जाते हैं। अब क्यूंकि गॉलब्लेडर का काम है संक्रेद्रण करना जिस वजह से ये पिगमेंट्स बड़े पत्थर बन जाते हैं और इसे हम कहते हैं पित्ताशय की पथरी।
गॉलब्लेडर में पथरी के कारण और लक्षण
आइये जानते हैं कि आखिर किन कारणों से पित्ताशय में पथरी होती है और इसके लक्षण क्या हैं –
स. | कारण | लक्षण |
1 | हाइपोथायरायडिज्म की वजह से | पेट के ऊपर दाहिनी तरफ दर्द होना |
2 | मोटापा भी एक बड़ी वजह है | कभी कभी ये दर्द पीछे की ओर भी जाता है |
3 | गर्भधारण के बाद महिलाओं में समस्या अधिक पाई गयी है | बुखार आ जाना |
4 | ज्यादा मात्रा में बेकरी उत्पादों का प्रयोग करना | भूख कम लगना |
5 | जयदा दवाओं का सेवन करना | पेट में अधिक गैस बनना |
6 | सोडा, कोल्डड्रिंक्स आदि का अधिक सेवन करने से | खट्टी डकारे आना |
7 | ज्यादा जंक फ़ूड खाने से | ज्यादा बुरी स्थिति में पीलिया हो जाता है |
8 | हाइपरटेंशन की समस्या से | उल्टी भी होने लगती है |
9 | कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारण | पेट का फूलना |
पित्ताशय की पथरी का घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार (Home Remedies for Gallbladder Stone in Hindi)
अब जानते हैं कुछ ऐसे घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे (Home Remedies for Gallbladder Stone in Hindi) जो पित्ताशय की पथरी को निकालने और गलाने के लिए प्रयोग किये जाते हैं।
सेब का रस
सेब में मेलिक एसिड मौजूद होता है जो गॉलब्लेडर में मौजूद हार्ड स्टोन को नर्म करने का काम करता है। जो व्यक्ति बिल्कुल स्वस्थ हैं उन्हें नित्य सेब के रस का सेवन करना चाहिए और पूरी तरह लिक्विड डाइट ही लेनी चाहिए। इस प्रयोग को तीन दिन तक करें। जिन्हें कुछ अन्य समस्याएं हैं, वे लोग रोज 1-2 सेब एक महीने तक खाएं।
पपीते की जड़
पपीते की जड़ पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसके साथ ही ये गॉलब्लेडर के स्टोन को निकालने (Home Remedies for Gallbladder Stone in Hindi) के लिए भी फायदेमंद है। पपीते की जड़ 6 ग्राम लेकर सलवटे पर महीन पीस लें, फिर इसे 50 ग्राम पानी में घोलकर छान लें और पी जाएँ। सुबह-शाम 21 दिन लगातार इसका सेवन करने से पथरी गलकर निकल जायेगी।
पत्थरचट्टा की पत्तियां
पत्थरचट्टा की पत्तियों का रस पेशाब में होने वाली जलन को ठीक करने और पथरी को निकालने में बहुत उपयोगी है। आपको 10 पत्थरचट्टा की पत्तियां लेनी है, उन्हें अच्छे से साफ़ करना है और ग्राइंड कर लेना है। फिर इसे सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ सेवन करना है। यदि आपको इसका स्वाद अच्छा नहीं लगता तो आप इसके साथ पुदीने की पत्तियां भी ग्राइंड कर सकते हैं। 30 दिनों तक नियमित इसका प्रयोग करें और इसके सेवन के 2 घंटे तक कुछ न खाएं।
गोखरू और एरंड की जड़
गोखरू, तालमखाना, एरंड, छोटी कटेरी, बड़ी कटेरी – इन सबका समान भाग मूल लेकर दूध में पीसकर और मीठी दही के साथ फेंटकर सात दिन तक खाना चाहिए। इससे पथरी टूटकर पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है।
सहिजन की जड़ का चूर्ण
सहिजन की जड़ का चूर्ण ठंडे पानी के साथ सेवन करने से पथरी से होने वाले दर्द में लाभ मिलता है और साथ ही यह डायबिटीज रोगियों के लिए भी उत्तम है। साथ ही यह जोड़ों के दर्द को ठीक करने में भी फायदेमंद है। इसके अलावा इसका एक प्रयोग इस प्रकार करें सहिजन के जड़ लेकर 20 ml जूस तैयार करें और उसे घी-तेल से छौंक दें। फिर ठंडा होने पर सेंधा नमक (इच्छानुसार) तथा दही का पानी मिलाकर पीना चाहिए। यह पथरी को तोड़ देता है।
पित्ताशय की पथरी होने पर क्या जटिलताएं हो सकती हैं?
जैसे ही हम भोजन करते हैं और उसके बाद यदि गॉलब्लेडर अपने-आप को खाली नहीं कर पाता तो उसमें सूजन आने लगती है। इस सूजन की वजह से पित्ताशय का ब्लड फ्लो रुक जाता है जिससे पस और म्यूकस एवं पथरी बनने का खतरा रहता है। इसी कारण कई बार खून का बहाव रखने से bile पूरे पेट में फ़ैलने का खतरा रहता है। जैसा कि मैंने ऊपर बताया कि गॉलब्लेडर एक नली के द्वारा छोटी आंत से भी जुड़ा होता है। यदि यही पथरी छोटी आंत में खिसक जाए तो पीलिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए पित्ताशय की पथरी की बहुत-सी जटिलताएं हैं।
पित्ताशय की पथरी होने से कैसे बचें और खान-पान कैसा होना चाहिए
अपने शरीर को फिट रखने में आहार की एक अहम भूमिका होती है। आइये जानते हैं खान-पान किस तरह का होना चाहिए जिससे गॉलब्लेडर स्टोन की समस्या न हो।
- अधिक मात्रा में ज्यादा भोजन न करें
- ज्यादा गरिष्ठ और वसायुक्त भोजन भी न करें
- अधिक मात्रा में चीनी का सेवन न करें
- रिफाइंड आयल का प्रयोग बंद करें
- चाय, कॉफ़ी आदि का सेवन कम से कम करें
- बेकरी वाले उत्पादों को बिल्कुल न खायें
- एक बार में अधिक भोजन करने की अपेक्षा कुछ-कुछ समय बाद भोजन करें
- पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं
- हरी-पत्तेदार सब्जियां जरूर खाएं
- फलों और फलों का रस अवश्य पीएं
- उबला आलू, कच्चा पनीर भी खा सकते हैं
कौनसे टेस्ट से पता चलता है कि पित्ताशय में पथरी है?
कुछ लोगों की पित्त की थैली में पथरी होती हैं और उन्हें पता ही नहीं चलता क्यूंकि ज्यादातर मामलों में इसके लक्षण प्रकट ही नहीं होते। इसलिए निम्लिखित टेस्ट्स के द्वारा पता कराया जा सकता है कि पथरी है या नहीं।
- पेट का अल्ट्रासाउंड
- इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – पित्त की थैली निकालने के बाद क्या नुकसान होता है?
उत्तर – पित्त की थैली हमारे शरीर का एक अहम हिस्सा है जो पाचन में सहायता करता है। सर्जरी के बाद लिवर से निकलने वाला बाइल सीधा छोटी आंत में जाता है जिससे गरिष्ठ भोजन को पचाने में दिक्कत होती है।
प्रश्न – पित्ते की पथरी का दर्द कहाँ होता है?
उत्तर – पित्ते की पथरी का दर्द पेट के दाहिने तरफ ऊपरी भाग में होता है मायने रिबकेज के नीचे। ये दर्द कई बार बड़ा ही असहनीय होता है। इस स्थिति में तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए।