Sunday, September 24, 2023
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साइनस के लक्षण और परमानेंट आयुर्वेदिक इलाज | 7 Home Remedies for Sinus in Hindi

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आयुर्वेद में है साइनस का परमानेंट इलाज, इसके लक्षण 7 Home Remedies for Sinus in Hindi

क्या आपको भी सांस लेने में दिक्कत महसूस होती है? क्या आपका भी तेज सिरदर्द होता है? रात को नींद आने में कठिनाई का सामना पड़ता है तो आपको साइनस हो सकता है। साइनस को आयुर्वेद में प्रतिश्याय रोग के नाम से जाना जाता है। नाक में बलगम जमे रहना, आँखों से पानी चलना और स्वरभेद होना आदि इसके कई लक्षण हैं। कुछ लोगों को काफी सालों से साइनस की समस्या होती है और बहुत से इलाज करने के बाद भी वे ठीक नहीं होते। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे चमत्कारी घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय बताएंगे जिससे आप इसको जड़ से खत्म कर सकेंगे। परन्तु पहले जानेंगे साइनस बीमारी क्या है?, इसके कारण और लक्षण।

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साइनस बीमारी क्या होती है?

मेडिकल टर्म में इसे साइनोसाइटिस कहा जाता है। साइनस खोखली हवा से भरी हुई थैली होती है जो श्लेष्मा झिल्ली से ढक्की रहती है। ये मनुष्य के मस्तिष्क को हल्का रखने में मदद करती है ली हुई सांस को मस्तिष्क तक पहुँचाती है। जब किसी बैक्टीरिया या फंगल इन्फेक्शन के कारण साइनस फूल जाते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है और कुछ तरल पदार्थ नाक के रास्ते बाहर निकलता रहता है।

साइनोसाइटिस के कारण और लक्षण

शरीर में विषैले तत्वों का बढ़ जाना एक बहुत बड़ा कारण है साइनस और इसके विभिन्न लक्षण भी हैं। आइये जानते हैं –

स. कारण लक्षण
1मल-मूत्र एवं छींक आदि के वेगों को रोकने से पानी जैसा नाक से स्त्राव होना
2धूल के नाक में जाने से नाक में दर्द और सुई चुभने जैसी पीड़ा
3अधिक क्रोध करने से सिरदर्द होना
4अधिक सोने से छींके आना
5ठंडे जल का उपयोग करने से भोजन में अरुचि
6अधिक आंसू गिराने से और धुआं लगने से जब सिर में कफ अधिक जमा जो जाता है गाड़े कफ का निकलना
7रात्रि जागरण से नाक में खुजली होना
8सांस लेने में मुश्किल होना
9नाक बंद हो जाना

सरल और चमत्कारी घरेलू उपचार साइनस के लिए (Home Remedies for Sinus in Hindi)

अब जानते हैं साइनस के लिए सरल घरेलू उपचार जो आप घर पर आसानी से कर सकते हैं और साइनोसाइटिस से राहत पा सकते हैं –

सोंठ कफशामक तो है ही साथ जोड़ों के दर्द में और गैस सम्बन्धी दिक्कतों को दूर करने के लिए भी बहुत उपयोगी है। साइनोसाइटिस में आधा चम्मच सोंठ का पाउडर शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करना है।  
शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ने की वजह से भी साइनस की समस्या होती है। इसके लिए धनिया, अदरक और शहद मिलाकर ड्रिंक तैयार करें और इसका सेवन करें। एक चम्मच साबुत सूखा धनिया और एक चम्मच अदरक को अच्छे से कूटकर एक कप पानी में उबाल लें और फिर छानकर हल्का गुनगुना होने पर एक चम्मच शहद मिलाकर सेवन करें। इस ड्रिंक से लैट्रिन के रास्ते कफ बाहर निकलेगा। बस ध्यान ये रखना है कि दिनभर हल्का गुनगुना पानी पीते रहना है ताकि शरीर में रूखपन न हो। 
लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जो सर्दी-जुकाम को ठीक करने में बहुत उपयोगी होता हैं। इसका प्रयोग हमें मूंग के आटे के साथ सोंठ, पीपर, घी और लहसुन का स्वरस मिलाकर सेवन करना चाहिए। 
जौ का प्रयोग मोटापा कम करने के लिए भी किया जाता है क्यूंकि मोटापा भी कफ-वृद्धि से ही बढ़ता है। इसलिए साइनोसाइटिस में आप जौ के दलिये या उसकी की रोटी का सेवन अवश्य करें। 
ग़ुरबंदी बादाम, खसखस, मगज(खरबूजे के बीज), काली मिर्च - इन्हें सामान मात्रा में लेकर दौरी सोटे में कूटे और चूर्ण कर लें, फिर इसमें शक़्कर मिला लें और अच्छे से मिक्स कर लें। इसका एक चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें, साइनोसाइटिस से छुटकारा मिल जाएगा। 
मैनसिल, बच, सोंठ, मरिच, पीपर, वायविडंग, हींग और गुग्गलु - इन सभी का बारीक चूर्ण लें और किसी सूती कपड़े में बांधकर सूंघे। इस नस्य का प्रयोग करने से साइनस की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है। 
कपालभाति क्रिया योग और भस्त्रिका प्राणायाम साइनस को ठीक करने में अति उत्तम माने गए हैं, इनका अभ्यास जरूर करें पर किसी योग्य योग शिक्षक के निरिक्षण में ही करें। 

साइनस कितने प्रकार के होते हैं

साइनस मुख्यतः तीन तरह के होते हैं –

  • एक्यूट साइनस – इस प्रकार का साइनस बहुत ही आम है और बैक्टीरिया और फंगल इन्फेक्शन की वजह से होता है। ये लगभग 4 हफ्तों तक रहता है और उसके बाद अपने-आप ठीक हो जाता है।
  • सबएक्यूट साइनस – ये लगभग 4 से 8 हफ्तों तक रहता है, इसमें जुकाम बिगड़ जाता है लेकिन घरेलू उपचारों द्वारा ठीक हो जाता है।
  • क्रोनिक साइनस – इसमें लक्षण 120 दिनों से भी अधिक बने रहते हैं और यदि ठीक हो भी जाएँ तो दोबारा होने का खतरा बना रहता है। इसमें नाक बंद हो जाती है और सांस लेने में भी मुश्किल होती है।

साइनोसाइटिस में क्या करें और क्या न करें

साइनोसाइटिस की तकलीफ होने पर मनुष्य को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते हैं क्या करें और क्या न करें –

  • ज्यादा लम्बे समय तक स्नान न करें और बाथटब में तो बिल्कुल भी न नहाएं
  • AC के नीचे सोना बंद कर दें
  • रात को सोते समय सिर को ढक कर सोएं
  • कभी-कभी भाप अवश्य लें या किसी कपड़े को गर्म करके चेहरे को गर्माहट दें
  • हमेशा गुनगुना पानी ही पीएं
  • जंक फ़ूड और ऑयली फ़ूड खाना बंद कर दें
  • कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा आदि ठंडे पेय पदार्थ का सेवन न करें
  • दही और लस्सी भी सकते हैं लेकिन सिर्फ दोपहर के समय
  • सूर्यास्त के बाद भोजन न करें क्यूंकि इससे कफ बढ़ता है
  • सुबह के समय कफ ज्यादा होता है, इसलिए हर्बल टी अवश्य पीएं
  • हल्दी वाले दूध का सेवन अवश्य करें
  • योगासन और प्राणायाम का अभ्यास नियमित रूप से करें
  • जलनेति का अभ्यास किसी अच्छे योग शिक्षक के सान्निध्य में करें

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न – साइनस में क्या-क्या खाना चाहिए?

उत्तर – साइनस में हल्का सुपाच्य भोजन करना चाहिए और गुनगुने पानी का सेवन करना चाहिए। स्निग्ध आहार में घी और दूध का सेवन भी हितकर है। जौ, गेहूं के आटे को मिलाकर इसकी रोटी खाएं, बहुत लाभकारी है।

प्रश्न – साइनस कितने दिनों में ठीक हो जाता है?

उत्तर – एक्यूट साइनस 7 से 15 दिनों के भीतर अपने-आप ठीक हो जाता है। यदि ठीक होकर दोबारा जुकाम हो रहा है तो समझिये क्रोनिक साइनस हो गया है। इसके लिए नस्य, आयुर्वेदिक औषधि या एंटीबायोटिक्स दवाइयों का सहारा लेना पड़ेगा।

प्रश्न – नाक सूखने पर क्या करें?

उत्तर – नाक सूखने पर भी सांस लेने में तकलीफ होनी शुरू जाती है। इसके लिए आप अपनी छोटी ऊँगली पर सरसों का तेल लगाएं और उसे अपने नाक के अंदर अच्छे से घुमाएं। सूखी नाक तर हो जायेगी और साँस अच्छे से आएगी और नींद भी बहुत बढ़िया आएगी।

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