ऐसे गजब के घरेलू उपाय जो डिप्रेशन और चिंता को दूर करेंगे 7 Magical Home Remedies for Depression & Anxiety in Hindi
आज के समय में भाग-दौड़ भरी जिंदगी है और competiton का दौर भी चल रहा है। हर कोई यही चाहता है कि मैं सबसे आगे हो जाऊं और इसी चक्कर में वो मानसिक परेशानियों से घिर जाता है, जिसमें डिप्रेशन और एंग्जायटी सबसे ज्यादा सामान्य हैं। भूतकाल में कुछ ऐसा हादसा हो जाना जो आपको उम्मीद नहीं थी कि ऐसा हो जाएगा, उसके बारे में बार सोचते रहना और नकारात्मक विचारों में फस जाते हैं। बस यहीं से डिप्रेशन की शुरुआत होती है।
थोड़ा बहुत मानसिक दबाव हमारी परफॉरमेंस को बेहतर बना सकता है परन्तु हर समय दिमाग का चक्का चलाते रहने से nervous system पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए चिंता बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए, तभी तो ये कहा गया है चिंता चिता समान है। मैं आपको कुछ ऐसे प्राकृतिक तरीके (Home Remedies for Depression & Anxiety in Hindi) बताऊंगा जिससे आप डिप्रेशन और एंग्जायटी को जड़ से खत्म करके एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकेंगे। लेकिन पहले जानेंगे डिप्रेशन और चिंता क्या है?, इनके कारण, लक्षण।
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Depression और Anxiety क्या है एवं क्या इनमें कोई अंतर है?
डिप्रेशन, जिसे अवसाद भी कहा जाता है – एक ऐसी अवस्था है जिसमें व्यक्ति अकेला रहना पसंद करता है, हमेशा उदासी उसकी चेहरे पर बनी रहती है तथा नकारात्मक विचारों से घिरा रहता है और जीवन में न तो रूचि होती है एवं न उसका आनंद ले पाता है।
एंग्जायटी, इसे सरल भाषा में चिंता कहा जाता है। भविष्य में क्या होगा इस बारे में सोच कर घबराना या डरते रहना, इसे चिंता कहते हैं। जैसे कि एक उदाहरण से समझते हैं मान लो कल आपकी परीक्षा का परिणाम आना है, अब आपने जैसे पैर में उत्तर दिए हैं उसी मुताबिक आपका रिजल्ट आएगा, लेकिन उसी चिंता में सारी रात जागते रहना और सोचते रहना एवं डरते रहना, यही एंग्जायटी है। अब भाई जैसी परीक्षा दी है वैसा ही परिणाम होगा, इसमें चिंता करने से कोई लाभ नहीं होगा।
डिप्रेशन और चिंता के कारण और लक्षण
कुछ ऐसे सामन्य कारण हैं जो अवसाद को बढ़ाते हैं और निम्नलिखित लक्षणों से पता लगा सकते हैं कि हम चिंता और डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं।
स. | कारण | लक्षण | |
1 | छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा सोचना | धड़कन तेज होना | |
2 | दिमाग में रसायन होते हैं उनके लेवल्स में गड़बड़ी आ जाना | अधिक पसीना आना | |
3 | विपरीत परिस्थितियां आने पर नकारात्मक विचारों का चक्का घूमना | पेट में मरोड़ उठना | |
4 | जेनेटिक कारणों से | मुंह सूख जाना | |
5 | किसी प्रियजन का छोड़ जाना | कुछ अच्छा होने पर भी मन ज्यादा उदास रहता है | |
6 | किसी भी कार्य में रूचि नहीं रहती | ||
7 | शरीर में हमेशा थकान बनी रहती है | ||
8 | एकाग्रता खत्म हो जाती है | ||
9 | आमतौर भूख कम हो जाती है लेकिन कुछ cases में भूख बढ़ जाती है और वजन भी बढ़ जाता है | ||
10. | आहत्मत्या जैसे विचार मन में आना |
डिप्रेशन और चिंता को दूर करने के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Depression & Anxiety in Hindi)
हम कुछ ऐसे प्राकृतिक और घरेलू तरीके आपको बताएंगे (Home Remedies for Depression & Anxiety in Hindi) जिनकी सहायता से आप अपने डिप्रेशन को जड़ से खत्म कर देंगे। ये बहुत ही प्रभावशाली और चमत्कारी उपाय हैं।
बादाम
बादाम में विटामिन E की मात्रा भरपूर होती है और ये सभी जानते हैं कि बादाम दिमाग की शक्ति को बढ़ाने और याददाश्त के लिए बहुत ही उपयोगी है। साथ ही यह डिप्रेशन से लड़ने और चिंता को दूर करने में भी कारगर है। आइये डिप्रेशन को खत्म करने के लिए इसका कैसे प्रयोग करें जानते हैं।
प्रयोग का तरीका – दस बादाम की गिरी रात को पानी में भिगोके सुबह छिलका उतारकर बारीक पीस लें। अब इसमें 20 ग्राम मक्खन, 10 ग्राम मिश्री मिलाकर एक महीना तक खाएं। दिमाग की शक्ति बढ़ेगी, डिप्रेशन और चिंता का जड़ से खात्मा होगा।
आंवला
आंवले में संतरे जितना ही विटामिन सी पाया जाता है। ये इम्युनिटी को तो बढ़ाता ही है, साथ ही यह दिल और दिमाग दोनों के लिए बहुत ही उपयोगी है। चिंता करने से वात कुपित हो जाता है, जिससे दिल की धड़कन और घबराहट शुरू हो जाती है, बस इसी चिंता को दूर करने के लिए आंवले का प्रयोग इस प्रकार करें।
प्रयोग कैसे करें – 50 ग्राम आंवले के मुरब्बे पर चांदी का वर्क लगाकर सुबह खाली पेट 20 दिन तक खाएं। एंग्जायटी, दिल की धड़कन का तेज होना, घबराहट जैसी सभी बीमारियां छूमंतर हो जाएंगी।
हरड़
डिप्रेशन में कुछ लोग मोटे हो जाते हैं क्यूंकि कई लोगों की चिंता में ज्यादा खाने की आदत होती है। पहले तो डिप्रेशन और उसके बाद मोटे हो गए उसी टेंशन। डिप्रेशन हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए जितना हानिकारक है उतना ही शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी। हरड़ का प्रयोग करने से हम डिप्रेशन को हरा सकते हैं।
प्रयोग का तरीका – हरड़ हमारे चयापचय को बढ़ाता है, वात को बैलेंस रखता है जिससे मस्तिष्क शांत रहता है। हरड़ के चूर्ण 1 चम्मच में 1 चम्मच ही देसी गाय का घी मिलाकर नित्य खाएं। दिन में किसी भी समय खा सकते हैं, ये अमृततुल्य है।
तेल मालिश से होगा डिप्रेशन दूर
हफ्ते में यदि 2 दिन भी सिर पर तेल की मालिश करें तो दिमाग को काफी शांति मिलती है। सर दर्द और बालों की कई समस्याएं भी दूर होती है।
कौनसे तेल से मसाज करें – सरसों का और नारियल का तेल दोनों ही बहुत ही उपयोगी हैं। बस आपको इसमें थोड़ी-सी कपूर मिला लेनी है क्यूंकि कपूर दिमाग को शांत करता है और गहरी नींद लाने में भी मददगार है।
प्राणायाम
प्राणायाम हमारे शरीर के अंदर ऊर्जा का संचार कर देता है। एंग्जायटी से जब साँसें तेज चलने लगती है और दिल की धड़कन तेज हो जाती है तो प्राणायाम उसे नियंत्रित करता है। इससे बेहतरीन उपाय डिप्रेशन और चिंता को कम करने का मुझे नहीं लगता कोई और होगा। इसे कैसे करें आइये जानते हैं।
करने का तरीका – सबसे पहले सुखासन पर बैठ जाएँ। लम्बी गहरी सांस लें और 3 सेकण्ड्स के लिए रोकें। अब धीरे-धीरे सांस को छोड़ें और बाहर की तरफ 1 सेकंड के लिए रोकें। ऐसा 5 बार करें। 7 दिनों में रिजल्ट नजर आ जाएगा। किसी अच्छे योग गुरु के निरिक्षण में इसे करें।
ध्यान योग
ये प्रमाणित हो चुका है कि ध्यान योग (meditation) से अवसाद और चिंता को दूर किया जा सकता है। ध्यान हमारे nervous system को आराम पहुंचाता है। दिमाग में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है, जिससे याददाश्त अच्छी होती है, मन शांत होता है और नकारात्मक विचारों का अंत हो जाता और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।
परिवार के साथ समय बिताएं
डिप्रेशन में अकेला रहने का मन करता है और इंसान सारा दिन उदास रहता है चाहे मौका ख़ुशी का ही क्यों न हो परन्तु उसके चेहरे पर उदासी छाई रहती है। ऐसे समय में परिवार वालों को भी चाहिए कि वह डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति के साथ समय बिताएं, उसे खुश रखने की कोशिश करें और उस व्यक्ति को भी स्वयं ये कोशिश करनी चाहिए कि वह परिवार के लोगों के साथ बातचीत करे। हर ख़ुशी में शामिल हो।
यदि परिवार के लोग ऐसा करने में असमर्थ हैं तो किसी अच्छे psychiatrist के पास जाकर बातचीत करें। दीपिका पादुकोणे भी अपने एक interview में कहती हैं कि उन्होंने भी डिप्रेशन झेला है और अपने माता-पिता और psychiatrist की मदद से इस स्थिति से निकलने में कामयाब हुई हैं।
डिप्रेशन और एंग्जायटी से बचने के उपाय। क्या खाएं और क्या न खाएं ?
ये कहावत है कि जैसा खाओगे अन्न वैसा बनेगा मन। खाने-पीने की आदतों से हमारे मन-मस्तिष्क पर बहुत असर पड़ता है। इसलिए हमें सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं और जब भी चिंता हो तो घूंट-घूंट करके पानी पीएं, इससे काफी लाभ होगा।
- शराब और धूम्रपान बिल्कुल न करें क्यूंकि ये कुछ समय के लिए तो डिप्रेशन से दूर कर देती हैं लेकिन नशा उतरने के बाद ज्यादा तकलीफ होती है।
- जंक फ़ूड, मांसाहार और बासी भोजन का सेवन बिल्कुल न करें क्यूंकि ये मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता।
- हरी-सब्जियां, ताजे फल, दही और सलाद आदि का सेवन जरूर करें।
- विटामिन बी 6, फोलिक एसिड, अल्फा-लिपोइक एसिड डिप्रेशन से लड़ने में मदद करते हैं, इसलिए इन्हें आहार में जरूर शामिल करें।
- डिप्रेशन और चिंता को दूर करने आप संगीत का सहारा ले सकते हैं।
- नमक, चीनी, चाय, कॉफ़ी आदि का सेवन कम से कम करें।
कुछ सामान्य प्रश्न
प्रश्न – क्या डिप्रेशन अपने-आप भी ठीक हो जाता है?
उत्तर – देखिये कई बार तो हम छोटी सी बात पर वैसे ही उदास हो जाते हैं और कुछ देर बाद अपने-आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन जब 10-15 दिनों तक हम हमेशा आलसी, उदास और नकारात्मक बातें करेंगे तो समझिये हम डिप्रेशन में हैं और हमें समय रहते इसका इलाज करवा लेना चाहिए।
प्रश्न – दीपिका पादुकोणे ने डिप्रेशन को कैसे हराया?
उत्तर – दीपिका कहती हैं उन्होंने 2 महीने तक अपने काम से ब्रेक ले लिया था और अपने-आप को समय दिया, अपने परिवार के साथ समय बिताया। चिकित्सक द्वारा दी गयी दवाइयां भी ली और कुछ ही समय में उन्होंने डिप्रेशन को हरा दिया और आज वो बिल्कुल स्वस्थ हैं।
प्रश्न – डिप्रेशन में कौनसा योगासन करना चाहिए?
उत्तर – सूर्य नमस्कार, शवासन, बालासन और अनुलोम-विलोम प्राणायाम – ये डिप्रेशन में रामबाण साबित होते हैं। इन्हें अवश्य करें।
प्रश्न – दिमाग में कितने प्रकार के रसायन होते हैं?
उत्तर – दिमाग में तीन तरह के रसायन होते हैं। उनका नाम है serotonin, norepinephrine & dopamine. इन तीनों रसायनों के असंतुलन से डिप्रेशन की समस्या हो जाती है।
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