Friday, June 2, 2023
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श्वासनलियों में सूजन के कारण और इसका घरेलू उपचार | 7 Amazing Home Remedies for Bronchitis in Hindi

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Bronchitis: श्वासनलियों में सूजन के कारण और इसका सरल घरेलू उपचार 9 Amazing Home Remedies for Bronchitis in Hindi

क्या आपको भी लगातार दो महीने से ज्यादा खांसी करते हुए हो गए हैं? सर्दियों के दिनों में कफ की समस्या बढ़ जाती है और बार-बार सर्दी-खांसी हो जाती है तो सकता है कि आपकी श्वास नलियों में संक्रमण हो गया हो। जो लोग ज्यादातर धूल-मिट्टी के क्षेत्रों में या ज्यादा ठंडी जगहों पर कार्य करते हैं उन्हें ब्रोंकाइटिस की समस्या अधिक होने की संभावना होती है। लेकिन इसमें घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है क्यूंकि आयुर्वेद में कुछ ऐसे चमत्कारी घरेलू नुस्खे हैं जो ब्रोंकाइटिस को जड़ से खत्म कर देते हैं।

बच्चों को खांसी और सीने में जकड़न है तो ये घरेलू नुस्खे आपके लिए अत्यंत उपयोगी हैं

Table of Contents

ब्रोंकाइटिस क्या है? (Meaning of Bronchitis in Hindi)

ब्रोंकाइटिस एक वायरल, बैक्टीरियल और एलर्जिक इन्फेक्शन है जो हमारी श्वासनलियों को प्रभावित करता है। देसी भाषा में कहें तो श्वासनलियों में सूजन आ जाना या बलगम का जम जाना ब्रोंकाइटिस कहलाता है। लम्बे समय तक सर्दी-खांसी रहना और साँस लेने में भी तकलीफ महसूस करना इसके मुख्य लक्षण है।

एक्यूट ब्रोंकाइटिस और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस में क्या अंतर है?

1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक सर्दी-खांसी का बने रहना और फिर ठीक हो जाना चाहे उपचार के द्वारा या अपने-आप ही तो उसे कहेंगे एक्यूट ब्रोंकाइटिस।

5 महीने से लेकर सालों तक सर्दी-खांसी होना, सांस लेने में कठिनाई होना और बलगम का निकलते रहना तो ये क्रोनिक ब्रोंकाइटिस के लक्षण हैं।

ब्रोंकाइटिस के कारण और लक्षण (Bronchitis Causes & Symptoms in Hindi)

अधिकतर ब्रोंकाइटिस की समस्या 40 वर्षों के बाद होती है। इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे बीड़ी-सिगरेट पीना, वातावरण में केमिकल युक्त धुआं होना आदि और कैसे पता लगाएं कि ब्रोंकाइटिस हुआ है। आइये जानते हैं –

स. कारण लक्षण
1धूम्रपान के कारण छाती में जकड़न महसूस होना
2धूल-मिट्टी वाले स्थान पर कार्य करना सांस लेने पर सीटियों जैसी आवाज़ का आना
3ठंड की वजह से खांसी करने के बाद बलगम का सफेद, पीले या हरे रंग का होना
4रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होना भी इसका प्रमुख कारण है कुछ रोगियों को बुखार भी हो सकता है
5वातावरण में रसायन युक्त धुआं होना ठंड के दिनों में श्वासनलियों में सिकुड़न के कारण सांस लेने में दिक्क्त महसूस हो सकती है
6जानवरों से एलर्जी के कारण भी ब्रोंकाइटिस की समस्या हो सकती है गले में खराश, नाक में जमावट या नाक का बहना
7थकान और कमजोरी महसूस होना
8बलगम वाली खांसी के साथ कभी-कभी खून बी आ जाता है
9सिर दर्द, उल्टी और दस्त होना

ब्रोंकाइटिस का सरल घरेलू उपचार (Home Remedies for Bronchitis in Hindi)

एक्यूट और एलर्जिक ब्रोंकाइटिस होने पर ही तुरंत घरेलू उपचार( Home Remedies for Bronchitis in Hindi) शुरू कर देना चाहिए ताकि क्रोनिक हो ही न। आइये जानते हैं कुछ आसान घरेलू उपाय जो श्वसनीशोथ को बिल्कुल ठीक कर देंगे।

शहद और काली मिर्च करेगी ब्रोंकाइटिस को ठीक

काली मिर्च किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन को दूर करने में उपयोगी है और शहद तो गले के लिए वैसे ही अत्यंत लाभकारी है। इन दोनों का प्रयोग पूरे श्वसन तंत्र को ठीक करने में फायदेमंद है। इसका प्रयोग इस प्रकार करें –

प्रयोग का तरीका – 1 गिलास गुनगुना पानी लें और उसमें एक चम्मच शहद और 3-4 काली मिर्च मिलाएं। इस घोल को सुबह-शाम पीने से श्वसन नलियों में जम कफ बाहर निकलने लगता है और ब्रोंकाइटिस की समस्या( Home Remedies for Bronchitis in Hindi) से मुक्ति मिलने लगती है।

त्रिकटु चूर्ण ब्रोंकाइटिस में रामबाण औषधि है

त्रिकटु चूर्ण में आपको सोंठ, काली मिर्च और पीपली – इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण कर लें और अच्छे से मिक्स करके किसी डिब्बी में बंद करके रख दें। फिर इस चूर्ण को सुबह-शाम आधा चम्मच शहद के साथ मिलाकर दूध या गर्म पानी के साथ सेवन करें।

सावधानी – जिन लोगों को पेट में गैस बनने की अधिक समस्या है वे इसे 1/4 चम्मच लें।

अदरक का करें उपयोग होगा श्वसनीशोथ का अंत

अदरक के औषधीय गुणों के बारे में कौन नहीं जानता। सर्दी-खांसी और कफ का नाश करने के लिए इसे सदियों से प्रयोग किया जाता रहा है। इसमें मौजूद जिंक, आयरन, मैग्नीशियम और विभिन्न प्रकार के विटामिन्स आपकी इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए भी उपयोगी हैं। ब्रोंकाइटिस में आप इसका दो तरीके से प्रयोग कर सकते हैं –

प्रयोग का तरीका – पहले प्रयोग में आप अदरक का रस एक चौथाई चम्मच और उसमें आधा चम्मच शहद मिलकर सुबह-शाम सेवन करें। दूसरे प्रयोग में आप अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं शाम के समय। इन दोनों प्रयोगों में से कोई एक प्रयोग कर लीजिये, ब्रोंकाइटिस में काफी लाभकारी है।

गुनगुना पानी करेगा ब्रोंकाइटिस को ठीक

ध्यान रहें आप जब भी पानी पीएं तो गुनगुना पानी ही पीएं। इससे श्वसनलियों में जमा कफ पिघलने लगेगा और आसानी से बाहर निकलेगा। पुरीष के माध्यम से और गले से निकलने में बलगम को आसानी होगी और सांस लेने में आसानी होगी, साथ ही गुनगुना पानी गले को स्मूथ एहसास दिलाता है, जिससे खांसी में भी लाभ मिलता है।

विदारीकंद ब्रोंकाइटिस में रामबाण औषधि है

विदारीकंद शरीर में बल-वृद्धि करती है और पित्तज कास को दूर करने की उत्तम औषधि है। जिन पुरुषों को ब्रोंकाइटिस से शरीर में कमजोरी आ गयी है, उनके लिए ये नुस्खा बहुत उपयोगी है।

प्रयोग कैसे करें – विदारीकंद का स्वरस, गन्ने का रस, दूध, मिश्री, शहद – इन सब को बराबर-बराबर लेकर पान करें। ये खांसी को दूर करने की रामबाण औषधि है।

एक दिव्य आयुर्वेदिक नुस्खा जो ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी को जड़ से खत्म कर देगा

पीपर, मुलहठी और मिश्री को 12-12 ग्राम लेकर चूर्ण कर लें; गाय और बकरी का दूध तथा गन्ने का रस 750-750 ml लें; जौ का आटा, गेहूं का आटा, मुनक्का पिसा हुआ, आंवले का रस और तिल का तेल 100-100 gm लेकर सबको एक कढ़ाई में मिलाकर मंद-मंद आंच पर पकाएं और अवलेह (चटनी) जैसा गाढ़ा हो जाने पर उतार लें। ठंडा हो जाने पर उसमें घी, मधु मिलाकर सेवन करें। यह नुस्खा ब्रोंकाइटिस को जड़ से खत्म कर देगा एवं हृदय रोग, दुर्बलता और वीर्य की अल्पता को दूर करने में हितकर है।

ब्रोंकाइटिस में क्या नहीं खाना चाहिए

श्वसनीशोथ में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सिर्फ खाद्य पदार्थ के सही चुनाव से आप काफी हद तक इस रोग को खत्म कर सकते हो।

  • ठंडे पेय पदार्थों का सेवन न करें
  • खट्टे पदार्थों से दूर रहें
  • धूम्रपान-शराब के नजदीक तो बिल्कुल भी न जाएँ
  • खमीरयुक्त चीजें न खाएं
  • कैफीन का सेवन भी न करें
  • बाहर का खाना भी न खाएं
  • दूध से बनी चीजों का सेवन न करें

ब्रोंकाइटिस में क्या खाना चाहिए

अब जानते हैं ऐसी कौनसी चीजें खाएं जिससे श्वसनीशोथ में लाभ मिले

  • पानी पर्याप्त मात्रा में पीएं
  • हल्दी वाले दूध का सेवन करें
  • विटामिन ए, ई और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार का सेवन करें
  • बादाम और अखरोट का सेवन करें
  • हरी सब्जियां खाएं, इससे इम्युनिटी बढ़ेगी
  • खट्टे फलों में सिर्फ संतरा खाएं, वो भी अगर सूखी खांसी हो तो

ब्रोंकाइटिस में जीवनशैली कैसी हो

आइये जानते हैं कैसी जीवनशैली रखें श्वसनीशोथ में –

  • कहीं भी बाहर जाएं तो मास्क लगाकर ही जाएँ। खस्सकर धुल-मिट्टी वाले स्थान पर और वैसे भी अब तो covid चल रहा है तो मास्क अनिवार्य है
  • ज्यादा ऊँचा न बोलें
  • ज्यादा सफर न करें
  • अधिक तेज न चलें
  • अधिक देर तक प्यासा न रहें
  • किसी भी वेग को न रोकें जैसे मूत्र, पुरीष आदि।
  • भरपूर आराम कीजिये

अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न – दमा और ब्रोंकाइटिस में क्या अंतर है?

उत्तर – ये दोनों ही रोग मनुष्य के फेफड़ों से सम्बन्धित हैं और श्वासनलियों में सूजन पैदा करते हैं। ब्रोंकाइटिस की diagnosis में spirometry टेस्ट किया जाता है। इसमें एक रेश्यो होता है fev1/fvc, यदि ये रेश्यो 70% से कम होती है तो समझिये कि रोगी को ब्रोंकाइटिस है।
दमा में मरीज के लक्षण, उसकी हिस्ट्री, पारिवारिक हिस्ट्री या उसमें एलर्जिक लक्षण हैं या नहीं इस आधार पर तय किया जाता है।

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