ये हैं फ़िब्रोमायल्जिया के लक्षण, तुरंत करें इसका आयुर्वेदिक उपचार Fibromyalgia Treatment in Ayurveda in Hindi
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की समस्या हो तो इसे अनदेखा न करें क्यूंकि ये लक्षण फ़िब्रोमायल्जिया के हो सकते हैं। ज्यादातर 20 से 50 वर्ष की आयु के लोगों में फ़िब्रोमायल्जिया के लक्षण पाए गए हैं। इस स्थिति शरीर का एक-एक हिस्सा दर्द कर रहा होता है। मनुष्य के लिए ये स्थिति काफी तनावपूर्ण होती है। महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा फ़िब्रोमायल्जिया ज्यादा होता है। लेकिन आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है क्यूंकि आयुर्वेद में ऐसी कई औषधियां हैं जिससे फ़िब्रोमायल्जिया ठीक किया जा सकता है।
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फ़िब्रोमायल्जिया क्या है? (Fibromyalgia Meaning in Hindi)
आपके शरीर की मांसपेशी का एक-एक फाइबर जब ऐसा लग रहा कि दर्द कर रहा है तो इस स्थिति को फ़िब्रोमायल्जिया कहते हैं। मनुष्य अपने मुंह से ये बता भी नहीं सकता कि उसे कहाँ-कहाँ दर्द हो रहा है। सिर से लेकर पाँव तक सारा शरीर ही दर्द कर रहा होता है।
फ़िब्रोमायल्जिया के कारण और लक्षण
अब जानिये फ़िब्रोमायल्जिया के कारण और लक्षण
स. | कारण | लक्षण |
1 | अनुवांशिक कारण | दर्द और जकड़न |
2 | पाचन संबंधी दिक्क्तें | अत्यधिक थकान |
3 | हार्मोनल इम्बैलेंस | नींद न आना |
4 | गंभीर बीमारी के कारण | स्पर्श करने पर ऐसा लगना कि बहुत दर्द हुआ हो |
5 | तनाव की वजह से | तेज सिरदर्द |
6 | मूड डिसऑर्डर | एकाग्रता में कमी |
7 | स्लीप एपनिया के कारण | चक्कर आना |
8 | पेट में आवाज़ें आना या ऐसा लगना कि बार-बार शौच आ रहा है (IBS) | |
9 | डिप्रेशन/एंग्जायटी |
फ़िब्रोमायल्जिया के उपचार (Fibromyalgia Treatment in Ayurveda in Hindi)
वैसे तो फ़िब्रोमायल्जिया का कोई भी इलाज नहीं है लेकिन आयुर्वेद में इसके कारणों का पता लगाकर उसका उपचार किया जाता है जो पूर्णतया सुरक्षित और कारगर है।
त्रिकटु चूर्ण
त्रिकटु चूर्ण पेट में मरोड़ उठने की समस्या, पाचन संबंधी दिक्क़ते और कफ को दूर करने में हितकारी है। इसके साथ ही पूरे शरीर में दर्द की समस्या होने पर भी इसका सेवन किया जा सकता है। फ़िब्रोमायल्जिया के कारण भी यही हैं, इसलिए इस रोग में भी त्रिकटु का सेवन अवश्य करें।
दशमूलारिष्टं
दशमूलारिष्टं शरीर में होने वाले दर्द के लिए काफी उपयोगी है। इसके साथ ही इसके अन्य कई फायदे हैं जैसे भूख को बढ़ाता है, पाचन तंत्र को मजबूत करता है, इम्युनिटी को बूस्ट करता है और मानसिक तनाव से भी छुटकारा दिलाता है।
अश्वगंधा
जिन लोगों का डिप्रेशन के कारण मनोबल गिर गया हो, उनके लिए अश्वगंधा बहुत लाभकारी है। डिप्रेशन एक बड़ी वजह से फ़िब्रोमायल्जिया होने की। अश्वगंधा के सेवन से आपका मनोबल बढ़ेगा, डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी समस्या दूर होंगी और इसके साथ ही ये डायबिटीज को भी नियंत्रित करता है।
हल्दी
हल्दी तो सभी जानते हैं शरीर में कहीं भी होने वाले दर्द को दूर करने में सहायक है और इसके साथ ही ये रोग-प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है। फ़िब्रोमायल्जिया में इसका सेवन आप रात को सोते समय दूध के साथ करें, इससे सुबह उठने पर जो शरीर में जकड़न और दर्द होता है, वह नहीं होगा।
दिनचर्या में लाये बदलाव और रखें मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल
इसका सबसे बहतरीन उपचार है अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव लाना और हेअल्थी लाइफस्टाइल जीना। आइये जानते हैं किन स्टेप्स को फॉलो करें –
- सुबह उठकर हल्का व्यायाम करें या लम्बी सैर पर जरूर जाएँ
- वातवर्धक भोजन न करें
- चिंता, डर, एंग्जायटी से दूर रहें
- ध्यान योग और प्राणायाम की सहायता से आप तनाव को दूर रख सकते हैं
- शरीर पर मालिश जरूर करें, इससे शरीर में होने वाली दर्दें ठीक होती हैं
- स्वयं से भी जाने कि कौनसी चीज आपको खराब कर रही है, उसे तुरंत छोड़ें
- लोगों से मिले-जुले और खुशियां एवं प्यार फैलाएं
- इसके अलावा आप किसी कुशल आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करके अपना डाइट-प्लान और लाइफस्टाइल प्लान भी निर्धारित करवा सकते हैं।
डाइट का रखें ख़ास ध्यान
डाइट एक महत्वपूर्ण रोले निभाती है फ़िब्रोमायल्जिया के उपचार में। आपको अपने आहार में ऐसे खाद्य-पदार्थ शामिल करने हैं जो वात को शांत रखें। इसके लिए आप किसी आयुर्वेदिक डायटीशियन से अपने दिनभर का डाइट-प्लान भी बनवा सकते हो।
कुछ खाद्य-पदार्थ आपको बता देते हैं कि कैसे उनका सेवन करना है –
- नारियल पानी का सेवन करें
- वेजिटेबल सूप अवश्य पीएं
- ताजे फलों का रस पीएं
- लहसुन, अदरक, काली मिर्च, हल्दी के साथ ही सब्जियों को पकाएं
- खिचड़ी में देसी घी डालकर खाएं
- दूध में हल्दी मिलाकर पीएं
किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
वातवर्धक चीजें जैसे –
- तला-भुना भोजन
- ज्यादा मिर्च-मसाले वाल भोजन
- बाई युक्त खाद्य-पदार्थ जैस राजमा, ब्रोकोली, गोभी आदि
- चाय, कॉफ़ी का सेवन न करें
- शराब पीना मना है
- चॉकलेट, योगहर्ट भी न खायें
निष्कर्ष
उपर्युक्त आयुर्वेदिक औषधियां फ़िब्रोमायल्जिया को ठीक करने में अत्यंत उपयोगी हैं लेकिन इनका सेवन आपको किसी कुशल आयुर्वेदाचार्य से परामर्श करके ही करना है। इसके अलावा आप दिनचर्या और डाइट को अपना सकते हैं।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – प्राकृतिक तरीके क्या हैं जो फ़िब्रोमायल्जिया को करने में उपयोगी हैं?
उत्तर – अच्छी गहरी नींद, मसाज, योगासन, ध्यान योग और इसके अलावा आयुर्वेदिक दवाएं फ़िब्रोमायल्जिया को पूर्णतया ठीक करने में सक्षम हैं।
प्रश्न – क्या fibromyalgia का कारण बनता है?
उत्तर – लम्बे समय से किसी गंभीर बीमारी की चपेट में रहना और हार्मोनल इम्बैलेंस fibromyalgia का कारण बनता है।