धूल-मिट्टी, धुंए से होती है एलर्जी तो करें ये घरेलू उपाय 7 Best Dust Allergy Treatment at Home in Hindi
सबसे ज्यादा प्रयोग में आने वाला शब्द है एलर्जी और सबसे आम होने वाली एलर्जी है धूल-मिट्टी और धुंए से। सांस के साथ जैसे ही धूल या धुआं अंदर जाता है तो गले में खारिश, छींके और आँखों से पानी चलना शुरू हो जाता है। कुछ लोग इसकी गोली खा लेते हैं लेकिन उसका भी कुछ ही देर तक असर रहता है और फिर वापिस वही लक्षण शुरू हो जाते हैं। इसलिए आपके लिए हम ऐसे घरेलू उपाय लाये हैं जिनका प्रयोग करने से धूल-मिट्टी और धुंए से होने वाली एलर्जी का जड़ से खात्मा हो जाएगा।
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एलर्जी होती क्या है?
जब हमारा इम्यून सिस्टम किसी बैक्टीरिया या वो बैक्टीरिया न हो एलर्जेन हो, उसके प्रति अति संवेदनशील हो जाए तो उस समय जो स्थिति बनती है, उसे एलर्जी कहते हैं। मान लीजिये आपने दूध पीया तो इम्यून सिस्टम द्वारा बनाई गयी एंटी-बॉडीज ने उसपर आक्रमण कर दिया, तो उसे व्यक्ति समझता है कि उसे दूध से एलर्जी है।
धूल-मिट्टी से होने वाली एलर्जी के लक्षण
धूल-मिट्टी से होने वाली एलर्जी के लसखान कुछ इस प्रकार हैं –
धूल-मिट्टी की एलर्जी से बचाव के घरेलू उपाय (Dust Allergy Treatment at Home in Hindi)
कुछ सरल घरेलू उपाय हैं जिनकी सहायता से आप धूल-मिट्टी से होने वाली एलर्जी को घर पर ही ठीक सकते हैं। आइये जानते हैं उपाय –
2 आंवला और 1 चकुंदर को 100 ml पानी में कुछ देर उबालें और उसे छानकर उसमें 1 चम्मच शहद मिला लें और इस ड्रिंक को पीएं। आंवला में इम्युनिटी को बूस्ट करने वाले सभी जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं। आंवला में विटामिन सी उच्च मात्रा में होता है और चकुंदर साथ में लेने से वह सभी जरूरी मिनरल्स को भी अवशोषित कर लेता है। ये ड्रिंक आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी बहुत लाभकारी है।
जब भी कहीं बाहर जाएँ या घर पर भी कोई साफ़-सफाई का काम करें तो पहले अपने मुंह को अच्छे से किसी सूती कपड़े से ढक लें। साथ-साथ कानों को भी ढकें और आँखों को पर भी चश्मा लगा लें।
अपनी बेड-शीट्स और सिरहाने के कवर्स को गर्म पानी में धोएं क्यूंकि इनमें जमा होने वाली धूल सीधा सांस के रास्ते गले तक पहुंचती है और एलर्जी का कारण बनती है।
दालचीनी का पाउडर (1 चम्मच), शहद (1 चम्मच) - इन दोनों को अच्छे से मिक्स कर लें और सुबह नाश्ता करने से पहले इसका सेवन करें। ये साँस से होने वाली सभी एलर्जी को ठीक करता है। इसके साथ ही सिरदर्द, दस्त और टीबी के रोग में भी उपयोगी है।
गिलोय का काढ़ा पीने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर किसी भी तरह के बैक्टीरिया और फंगल इन्फेक्शन से बचा रहता है। इसलिए सुबह के समय गिलोय का काढ़ा पीने से आप एलर्जी से छुटकारा पा सकते हैं। इसके साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी फायदेमंद है।
अजवाइन, काली मिर्च और मुलेठी का काढ़ा पीने से शरीर में मजूद विषैले तत्व बाहर निकलते हैं और किसी भी तरह सांस सम्बन्धी एलर्जी ठीक होती है। इसका काढ़ा बनाने के लिए आपको एक कप पानी में 1/4 चम्मच अजवाइन, 1 छोटी डंडी मुलेठी और 5-7 काली मिर्च डालकर उबाल लेना है और फिर इसे छानकर रात को सोते समय पी लेना हैं।
कपालभाति, भस्त्रिका और अनुलोम-विलोम प्राणायाम नियमित रूप से करें क्यूंकि इससे आपके शरीर में एनर्जी बढ़ेगी और जैसे एनर्जी बढ़ेगी वैसे एलर्जी घटेगी।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – नाक की एलर्जी को कैसे ठीक करें?
उत्तर – सरसों के तेल की एक-एक बूँद अपने दोनों नाक के छिद्रों में डालें या कपूर के तेल में रुई डुबोकर उसे अपने हाथ पर रखें और गहरी सांस लें और छोड़ें। इसी प्रकार 10-12 बार करें।
प्रश्न – एलर्जी कितने दिनों में ठीक हो जाती है?
उत्तर – एलर्जी 3 दिनों में भी ठीक हो जाती है, लेकिन यदि किसी कारणवश एलर्जी बार-बार हो रही है तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
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