आयुर्वेदिक बुक जिसमें घरेलु नुस्खे हैं लगभग सभी बिमारियों के इलाज के लिए The Complete Book of Ayurvedic Home Remedies in Hindi
Table of Contents
स्वास्थ्य रक्षा के नियम
यहाँ पर कुछ प्राकृतिक नियम स्वास्थ्य रक्षा और सामान्य ज्ञान के लिए दिए जा रहे हैं, जो हर व्यक्ति के लिए लाभदायक हैं।
- प्रातःकाल उठकर कुल्ला करके एक गिलास ताजा जल पियें, सूर्योदय से पहले उठें। इससे चित्त अति प्रसन्न रहता है।
- रात को किसी तांबे के बर्तन में पानी रख दें। प्रातःकाल शौच जाने से पूर्व नित्य उस पानी को पीते रहने से पाखाना खुलकर आता है, कब्ज़ नहीं रहती।
- शौच करते समय दांतों को खूब दबाकर बैठने से दांत जीवन भर नहीं हिलते और न ही कभी लकवा रोग की शिकायत होती है।
- हाथ मुंह धोते समय मुंह में एक घूँट पानी भरकर आँखों पर पानी के छींटें मारें, इससे आँखों की रोशनी बढ़ जाती है।
- भोजन से पहले हाथ मुंह धोएं, पैरों को धोने से जठराग्नि का मुंह खुल जाता है तथा भोजन से पूर्व एक गिलास पानी पीएं।
- भोजन करते समय पानी न पीएं। अगर विशेष आवश्यकता हो तो एक घूँट ले सकते हैं। भोजन के एक घंटे बाद ही पानी पीएं, इससे भोजन पेट में आसानी से पच जाता है।
- भोजन के बाद कुछ देर घूमना अत्यंत लाभदायक है। भोजन के बाद बायां स्वर बंद करने से पाचन शक्ति बढ़ती है। रात्रि में सोने से पहले पानी पीना भी हितकारी है।
- सप्ताह में कम से कम एक बार सरसों के तेल की मालिश अवश्य करें। चिंता करने से जितनी स्वास्थ्य की हानि होती है, उतनी किसी भी रोग से नहीं होती।
- खाना खाने के बाद उठकर पेशाब कर लेने से धातुक्षीणता की बीमारी नहीं होती। स्वप्न दोष का खतरा भी नहीं होता।
- रात को भोजन के तीन घंटे बाद स्त्री-पुरुष का संग होना चाहिए। इससे जल्दी सम्भोग करने से पेट की अनेक बीमारियां हो जाती हैं।
- स्त्री को पुरुष के संग के फ़ौरन बाद कभी भी बच्चे को दूध नहीं पिलाना चाहिए, इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है।
- मधुमेह के रोगी जिनके पेशाब में चीनी आती है। अगर सुबह शाम नित्य दौड़ लगाएं तो बिना औषधि के पेशाब में शक़्कर आना रुक जाता है।
- अगर किसी व्यक्ति ने शराब ज्यादा पी ली हो तो एक कागज़ी नीम्बू का रस पिलाने से नशा कम हो जाता है। नीम्बू के रस से कॉफी व अफीम के विष का प्रभाव भी खत्म हो जाता है।
- अगर किसी व्यक्ति ने भांग ज्यादा पी ली हो तो आधी छटांक अरहर की दाल उबालकर पिलाने से भांग का नशा कम हो जाता है।
- अगर आपने ज्यादा आम खा लिए हों तो ऊपर से दो चार जामुन खा लेने से कोई नुक्सान नहीं होगा। अगर ज्यादा जामुन खा लें तो ऊपर से एक दो आम खा लेने से नुक्सान नहीं होगा।
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स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यक निर्देश
चैत में नीम, वैशाख में चावल, ज्येष्ठ में दोपहर को सोना, आषाढ़ में घर की मरम्मत, सावन में हरे, भादों में चना, आश्विन में गुड़, कार्तिक में मूली, अगहन में तेल, पौष में दूध, माघ में खिचड़ी, फाल्गुन में प्रातःस्नान करने से स्वास्थ्य उत्तम रहता है। सुख व लम्बी आयु की प्राप्ति होती है।
जीवन उपयोगी कुछ महत्वपूर्ण बातें
शास्त्रों में कहा गया है :-
पूतिमासं स्त्रियो वृद्धा बालार्कस्तरुणंद्धि।
प्रभाते मैथुनं निद्रा सद्यः प्राण हराणिषट।
अर्थात – सड़ा हुआ मांस खाना, वृद्धा स्त्री से सम्भोग, आश्विन का सूर्य, तत्काल का जमाया हुआ दही, प्रभात समय का मैथुन एवं निद्रा – ये छः प्राण का तत्काल नाश करने वाले होते हैं।
- बासी मांस न खायें।
- वृद्धा औरत के साथ सहवास न करें।
- तुरंत का जमा दही न खाएं।
- गर्भवती औरत के साथ सहवास न करें।
- रात्रि में फल न खाएं।
- सूर्य की ओर मुंह करके पेशाब न करें।
- बरगद, पीपल, देव मंदिर, नदी व श्मशान में पेशाब न करें।
- भोजन के समय क्रोध न करें।
- दही व मूली एक साथ न खाएं।
- लौकी व उड़द की दाल एक साथ न खाएं।
- मछली व दूध एक साथ सेवन न करें।
- बच्चों के सामने गुप्त बातें एवं अश्लील बातें न करें।
- पड़ोसी, ब्राह्मण तथा सम्पन्न व्यक्ति से बातें करें।
- चिकित्सक (वैद्य) से भूलकर भी बैर न करें।
- रोग और दुश्मन को छोटा न समझें।