सर्दियों के दिनों में हाथ-पैर ठंडे रहने की समस्या को दूर करते हैं ये घरेलू तरीके Cold Hand-Feet Home Remedies Hindi
सर्दियों में जहाँ गरमा-गर्म पकवान खाने का मजा है वहीं सर्द हवाओं से अपने-आप को सुरक्षित रखना भी उतना ही जरूरी है। सर्दियों में हाथ-पैर ठंडे होना आम बात है लेकिन यदि वो रजाई या कम्बल में भी गर्म नहीं होते तो थोड़ा सतर्क होने की जरूरत है क्यूंकि ये विटामिन्स की कमी और खून जमने की वजह से हो सकता है। सिर्फ यही नहीं कई बार हाथों का रंग भी बदलने लगता है और वात बढ़ने से हाथ कठोर होने लगते हैं एवं सुन्न भी हो जाते हैं।
लेकिन अब आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है क्यूंकि ऐसे कई घरेलू उपचार(Cold Hand-Feet Home Remedies Hindi) हैं जो आपको इस समस्या से निजात दिलाने में मदद करेंगे। लेकिन उससे पहले जानेंगे हाथ-पैर ठंडे होने के कारण।
ब्रोंकाइटिस के कारण क्या हैं? इसे ठीक करने के घरेलू उपचार क्या हैं?
Table of Contents
हाथ-पैर ठंडे होने के कारण
आयुर्वेद के अनुसार वायु के प्रकुपित होने से एवं शरीर में बढ़ने से हाथ-पैर ठंडे होने लगते हैं लेकिन इसके अन्य भी बहुत-से कारण हैं। आइये जानते हैं –
स. | कारण |
1 | डायबिटीज रोग के कारण |
2 | विटामिन बी12, विटामिन डी की कमी के कारण |
3 | खून की कमी की वजह से |
4 | शरीर में रक्त प्रवाह का कम होना |
5 | हाइपोथायरायडिज्म भी एक वजह है |
6 | लो बीपी भी एक कारण है हाथ-पैर ठंडे रहने का |
7 | घबराहट और तनाव में भी हाथ-पैर ठंडे और सुन्न हो जाते हैं |
हाथ-पैर गर्म रहने के घरेलू उपचार क्या हैं (Cold Hand-Feet Home Remedies Hindi)
अब हम जानते हैं कि कौनसे घरेलू तरीके अपनाकर हम ठंडे हाथ-पैर होने की समस्या से मुक्ति पा सकते हैं।
अश्वगंधा का सेवन करेगा हाथ-पैर की ठंडक को दूर
अश्वगंधा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। इसके सेवन से हमारे दिल की मांसपेशियों में ताकत आती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और शरीर में गर्मी आती है। साथ ही अश्वगंधा डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है। इसका सेवन इस प्रकार करें –
सेवन का तरीका – अश्वगंधा की जड़ का पाउडर 1/2 चम्मच दूध के साथ भोजन करने के 2 घंटे बाद रात को सोते समय लें। यदि ठंड ज्यादा लग रही है तो सुबह भी ले सकते हैं।
हल्दी और शहद पहुंचाएंगे हाथ-पैर में गर्माहट
हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन शरीर में खून के संचार को ठीक करता है और यदि हाथ-पैरों में सूजन और दर्द भी है तो उसे भी ठीक करता है। साथ ही शहद में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। आइये जानते हैं कैसे करें प्रयोग –
प्रयोग कैसे करें – एक गिलास दूध में दो चुटकी हल्दी और 1 चम्मच शहद मिला लें और रात को सोते समय इसका सेवन करें। ठंड के दिनों में नियमित ये दूध पीने से हाथ-पैरों के ठंडे होने की समस्या दूर होगी।
सूर्य की रोशनी में बैठने से दूर होगी हाथ-पैर की ठंडक
जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी है, उन्हें हाथ-पैर ठंडे होने की दिक्कत ज्यादा होती है। इसलिए विटामिन डी का सबसे प्रमुख स्त्रोत सूर्य की रोशनी है। सर्दियों में सुबह 11 बजे तक सूर्य की रोशनी में अवश्य बैठें। विटामिन डी की कमी तो दूर होगी साथ ही हाथ-पैर ठंडे होने की समस्या भी नहीं होगी और इम्युनिटी भी बढ़ेगी।
अनार का रस अवश्य पीएं
अनार में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी होता है और साथ ही आयरन, जिंक जैसे अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की वृद्धि करते हैं जो एक बड़ा कारण है ठंड ज्यादा लगने का। इसलिए दोपहर के समय आधा गिलास अनार का रस अवश्य पीएं या आप 1 अनार खा भी सकते हैं।
सोंठ के लड्डू पहुंचाएंगे हाथ-पैर में गर्माहट
आयुर्वेद में सोंठ को बहुत ही उपयोगी माना गया है। ये शरीर में गर्माहट पैदा करने के लिए अचूक औषधि है। साथ ही यह दर्दनिवारक है और हृदय के लिए भी हितकारी है। सर्दियों में आप सोंठ के लड्डू बनाकर उनका सेवन करें, इससे शरीर में गर्माहट आएगी और आठ-पैर ठंडे होने की समस्या से निजात मिलेगी।
सर्दियों में गर्माहट के लिए क्या खाएं
चरक संहिता में हेमंत और शीत ऋतु के लिए उपयोगी खान-पान का सुझाव दिया गया है। आप भी ऐसा ही खान-पान रखकर ठंड को दूर भगा सकते हैं।
- स्निग्ध पदार्थो का सेवन करें
- अम्ल तथा लवण रस युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए
- गन्ना जरूर चूसें
- दूध से बने पदार्थ (दही,, मलाई, रबड़ी, छैना) अवश्य खाएं
- गुड़ सर्दियों का तोहफा है इसे जरूर कबूल करें
- नए चावल का बना भात खाना चाहिए
अन्य उपाय जो ठंड को रखेंगे
अब जानते हैं कुछ अन्य तरीके जो ठंडी में गर्माहट का एहसास दिलाएंगे।
- शीत ऋतु में तेल मालिश करना बहुत उपयोगी है
- धुप का सेवन अवश्य करें
- गर्म कमरे में रहना चाहिए
- रजाई-कम्बल, सिर पर टोपी अवश्य पहने
- पैरों में मौजे और हाथों में गर्म दस्ताने जरूर पहनने चाहिए
- हेमंत-शीत मौसम में वातवर्धक खान-पान से दूर रहें
- ठंडे पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – ठंड से बचाव के लिए क्या उपाय करें ?
उत्तर – अगर को घिसकर उसका गाढ़ा प्रलेप करने से ठंड लगनी दूर हो जाती है। इसके साथ ही गर्म कपड़ों को पहनना चाहिए। हाथ और पैरों को ढककर रखें क्यूंकि ज्यादातर सर्दी पैरों से ही चढ़ती है।
प्रश्न – सर्दियों में हाथ-पैरों का रंग क्यों बदल जाता है?
उत्तर – अधिक ठंड होने से शरीर में रक्त संचार कम हो जाता है जिससे ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होती है। इस वजह से ठंड में हाथ-पैरों का रंग कई बार नीला हो जाता है।
इन्हें भी पढ़ें –
किन पोषक तत्वों की कमी से फटती हैं एड़ियां? क्या हैं इनके घरेलू उपाय?
बच्चों को खांसी और सीने में जकड़न को ठीक करने के देसी नुस्खे