खून का थक्का जमने के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक इलाज Ayurvedic Treatment for Blood Clots in Hindi
खून का थक्का जमना शरीर की गंभीर स्वास्थ्य समस्यायों में से एक है। ऐसी स्थिति में रक्त के कुछ हिस्से लिक्विड स्टेट से ठोस में परिवर्तित होने लगते हैं। चोट लगने के कारण तो थक्के बनने की समस्या आम है लेकिन इसके अन्य भी कई कारण होते हैं जो आगे आप इसी लेख में जानेंगे तो कृपया पोस्ट को आगे पढ़ते रहिये।
स्वाथ्य विशेषज्ञों के अनुसार ब्लड क्लॉट एक जरूरी प्रक्रिया भी है जो आपको कुछ मामलों में बहुत अधिक रक्त खोने से बचा सकती है। परन्तु यदि यही प्रक्रिया नसों में बननी शुरू हो जाए तो अनेक प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। इसलिए आपके लिए हम कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Blood Clots in Hindi) लाये हैं जो नसों में खून का थक्का बनना रोकेंगे।
लेकिन पहले जानेंगे रक्त का रक्त का थक्का जमना क्या है?, खून का थक्का जमने के कारण, लक्षण।
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रक्त का थक्का जमना क्या है?
रक्त का थक्का जमना एक ऐसी स्थिति है जहाँ रक्त अपनी लिक्विड फॉर्म को छोड़कर सेमि सॉलिड फॉर्म में बदल जाता है। ये प्लम्प के आकार के बनने लगते हैं और इसी को हम ब्लड क्लॉट यानि रक्त का थक्का जमना कहते हैं। नसों में यदि खून के थक्के जमने लगे तो ये काफी हानिकारक हो सकते हैं क्यूंकि इससे शरीर के अंग प्रभावित होते हैं।
खून का थक्का जमने के कारण
अब जानिये नसों में खून जमने का कारण –
स. | कारण |
1 | ब्लड फ्लो अच्छे से न होना |
2 | मोटापा बड़ी वजह है |
3 | यदि शरीर के किसी अंग में पुरानी सूजन हो |
4 | अधिक धूम्रपान |
5 | सिरोसिस |
6 | कैंसर के कारण |
7 | दिनभर कोई गतिविधी नहीं करना |
खून के थक्के जमने के लक्षण
खून के थक्के जमने लगे उसके शुरूआती लक्षणों से आप पता लगा सकते हैं जैसे कि –
- जहाँ ब्लड क्लॉट हुआ है वहां सूजन हो जायेगी
- दर्द का एहसास भी होगा
- वो हिस्सा लाल हो जाएगा
- शरीर के उस हिस्से पर गर्मी का एहसास होगा
- नसों का रंग बदलने लगेगा, कालापन दिखने लगेगा
- वैसे लक्षण इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि थक्का का साइज कितना बड़ा है
खून का थक्का शरीर के जिस हिस्से जमता है, वहां अलग-अलग लक्षण पैदा करता है जैसे कि –
- हृदय में थक्का बनना – छाती में दर्द, सांस लेने में दिक्क्त
- यदि एब्डोमेन में है तो वहां पर सूजन और दर्द
- फेफड़ों में खून का थक्का जमना – बलगम में खून आना, सांस लेने में दिक्क्त होना
- दिमाग में हो तो तेज सिरदर्द, बोलने में दिक्क्त, आँखों की रोशनी कम होना
खून के थक्के का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Blood Clots in Hindi)
नसों में खून जमने का इलाज आप यदि आयुर्वेदिक औषधियों के माध्यम से करेंगे तो आपको शीघ्र ही राहत महसूस होने लगेगी। आइये जानते हैं –
मेधा क्वाथ –
यदि ब्रेन में क्लॉटिंग की वजह से सिरदर्द हो रहा है तो मेधा क्वाथ का काढ़ा बनाकर रोगी को पिलायें, इससे काफी आराम मिलेगा। इसके साथ नींद न आने की समस्या दूर होगी और डिप्रेशन में भी फर्क पड़ेगा।
पारिजात क्वाथ –
पारिजात के फूल रात को बहुत चमकते हैं और बहुत ही बढ़िया खुशबू भी छोड़ते हैं। आप चाहे तो इनके पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बना सकते हैं या रेडीमेड भी ले सकते हैं। ये खून को पतला करके थक्कों को तोड़कर रक्त प्रवाह सुधरता है।
पारिजात क्वाथ, निर्गुण्डी क्वाथ और दशमूल क्वाथ – इन तीनों को मिलाकर काढ़ा बना लेना शीशी में सुरक्षित रख लें। 10 ग्राम काढ़े को 1 गिलास पानी में उबालकर पका लें और आधा गिलास बचने पर छानकर सुबह और शाम सेवन करें।
चंद्रप्रभावटी –
चंद्रप्रभावटी को एक बहुत ही बढ़िया दर्दनिवारक औषधि माना जाता है और साथ ही ये सूजन को कम करने में भी बहुत उपयोगी है। इसकी 2 गोली सुबह-शाम पानी या दूध के साथ लेने से रक्त शुद्ध होता है जिससे खून का प्रवाह उचित तरीके से होता है। इसके साथ तनाव को कम करने में भी फायदेमंद है।
खून जमने का घरेलू इलाज
घरेलू इलाज में तो आप अपने आहार में जितना हो सके एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य-पदार्थों को शामिल करें जैसे कि –
- लहसुन जो खून पतला करने में बहुत उपयोगी है
- अदरक
- हल्दी जो दर्द और सूजन को कम करती है
- हरी-पत्तेदार सब्जियां जो रक्त प्रवाह को बेहतर करती हैं
- नीम्बू का रस और अन्य फलों का रस अवश्य पीएं
- पर्याप्त पानी पीएं क्यूंकि नई स्टडी में सामने आया है कि पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन हृदय विफलता के खतरे को कम करता है
क्या खाना छोड़ना है
- चिकनाई वाले खाद्य-पदार्थ
- ज्यादा नमकीन और मिर्च-मसाले वाला भोजन
- तला-भुना भोजन भी न करें
- डिब्बा बंद भोजन भी अवॉयड करें
निष्कर्ष
आयुर्वेदिक औषधियां आपको खून के थक्के जमने की समस्या से राहत दिला सकती हैं परन्तु आपको औषधि का चयन किसी कुशल आयुर्वेदिक चिकित्सक के परामर्श से ही करना है।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न – रक्त का थक्का बनने में कितना समय लगता है?
उत्तर – रक्त का थक्का बनने में 4 मिनट का समय लगता है।
प्रश्न – रक्त का थक्का बनने से कौन रोकता है?
उत्तर – ब्लड को गाढ़ा होने से विटामिन k रोकता है क्यूंकि ये विटामिन फैट soluble है।