बच्चों में हकलाना और तुतलापन दूर करने के घरेलू उपाय Haklana Dur Karne ke Upay
तुतलाना और हकलाना एक भाषण विकार है, जो किसी मनुष्य को बोलते समय शब्दों को दोहराने या लम्बा करने का कारण बन सकता है। भारत में लगभग 1.2 करोड़ लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। इसकी शुरुआत अक्सर बचपन से ही हो जाती है। यदि आप भी तुतलाते या हकलाते हैं, तो आप यह अच्छी तरह जानते होंगे कि आप क्या कहना चाहते हैं परन्तु शब्दों को बाहर निकालना कठिन हो जाता है। आप शब्दों को बोलते हुए अटकते हैं, इसलिए आप उन्हें बार-बार दोहराने की कोशिश करते हैं।
हकलाना सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है परन्तु तुतलाना अधिकतर बच्चों में अधिक पाया जाता है। इसके बहुत कारण हो सकते हैं लेकिन उम्र बढ़ने के साथ 65-70% बच्चे इस समस्या से निजात पा लेते हैं। यदि आपका बच्चा भी हकलाता या तुतलाता है तो घबराइए मत, आप नीचे दिए तुतलापन दूर करने के घरेलू उपाय का प्रयोग करके काफी हद तक इस समस्या को दूर कर सकते हो।
हकलाना और तुतलापन दूर करने के घरेलू उपाय
आइये जानते हैं तुतलापन दूर करने के उपाय जो प्राचीन काल से प्रयोग में लाये जा रहे हैं –
1. ताजा हरा आंवला –
बच्चे यदि एक ताजा हरा आंवला रोजाना कुछ दिनों तक चबाएं तो उनका तुतलाना और हकलाना दूर हो जाता है। जीभ पतली और आवाज़ साफ़ आने लगती है। मुख की गर्मी भी दूर हो जाती है।
2. बादाम और काली मिर्च –
बादाम की गिरी 7 और 7 दाने काली मिर्च के, दोनों को लेकर कुछ बूँद पानी में घिसकर चटनी-सी बना लें और उसमें थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर तैयार कर लें। इस मिश्रण को प्रातः खाली पेट 15 दिनों तक लगातार सेवन कराने से तुतलाना और हकलाना दूर हो जाता है।
3. मक्खन –
काली मिर्च को महीन पीसकर उसका चूर्ण बना लें और प्रातः मक्खन के साथ मिलाकर खाने से कुछ ही दिनों में हकलाहट दूर हो जाती है।
4. तेजपात –
तेजपात को जीभ के नीचे रखने से रुक-रुक कर बोलना और हकलाना तथा तुतलाना ठीक हो जाता है।
5. सुहागा –
फूला हुआ सुहागा शहद में मिलाकर जीभ पर रगड़ने से बच्चे का हकलाना ठीक हो जाता है। जीभ पतली करने के उपाय में ये उपाय बहुत उपयोगी है।
6. असगंध और पीपल –
मीठी बच, मीठी कूट, असगंध और छोटी पीपल को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बनाएं। रोजाना 1 ग्राम चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से आवाज़ साफ़ होती है और हकलाना भी दूर होता है।
7. हरा धनिया और अमलतास –
हरा धनिया और अमलतास के गूदे को पानी में घिसकर रख लें और उसी पानी से 21 दिन लगातार बच्चे को कुल्ले कराने से जीभ पतली हो जाती है और हकलाहट दूर हो जाती है। ये तुतलापन दूर करने की दवा काफी प्रभावी है।
हकलाने का क्या कारण है?
वैसे तो हकलाने और तुतलाने के बहुत से कारण हो सकते हैं परन्तु यहाँ पर आज मैं कुछ कारणों का जिक्र करूंगा। आइये जानते हैं :-
1. खून का प्रवाह कम होना –
वैज्ञानिकों द्वारा यह खोज की गयी है कि यदि दिमाग के speech production केंद्र में ब्लड फ्लो कम हो तो हकलाने की समस्या पैदा होती है।
2. जेनेटिक कारण –
यदि किसी के परिवार में पहले हकलाने की समस्या हुई है तो आने वाली पीढ़ी को भी इसका सामना करना पड़ सकता है। आमतौर पर महिलाओं की अपेक्षा पुरुष ज्यादा हकलाते हैं।
3. भाषा कौशल विकसित न होना –
जो बच्चे नया-नया बोलना सीखते हैं, ज्यादातर वे हकलाते या तुतलाते हैं क्यूंकि उनमें अभी भाषा कौशल विकसित नहीं हुआ होता है। लेकिन यही अवस्था आगे बढ़ती है तो वे fluently बोल नहीं पाते।
4. ज्यादा शराब का सेवन करना –
आपने अक्सर देखा होगा कि जो व्यक्ति ज्यादा शराब पी लेता है उसकी जुबान लड़खड़ाने लगती है और वो स्पष्ट शब्दों का उच्चारण नहीं कर सकता। यदि वे अपनी इस आदत को समय से नहीं छोड़ता तो हकलाने की समस्या स्थाई रूप भी ले लेती है।
5. ज्यादा तनाव में रहना –
चिंता चिता समान है, ये तो आप ने सुना ही होगा। तनाव कई बीमारियां उत्पन्न करता है, जिसमें हकलाना भी शामिल है। जिस व्यक्ति में confidence नहीं है या उसमें self-esteem की कमी है या वे किसी बात को लेकर चिंतित है, वे ज्यादातर हकलाते हैं या कुछ को तो हिचकी भी लग जाती है।
अन्य कुछ असरदार तरीके
निष्कर्ष (Conclusion)
क्या आप भी हकलाते हैं या आपका कोई सगा-सम्बन्धी हकलाता या तुतलाता है ? क्या आप में से किसी ने उपर्युक्त तरीकों की मदद ली है हकलाहट दूर करने में? आप यकीन मानिये ये ऐसे घरेलू तरीके हैं जो आपकी हकलाहट दूर करने में 100% आपकी मदद करेंगे।
अधिकतर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न- बच्चा बोलना किस उम्र में सीखता है?
उत्तर- ये प्रत्येक बच्चे पर निर्भर करता है। कुछ बच्चे जल्दी बोलना सीख जाते हैं और कुछ देरी से सीखते हैं। अधिकतर बच्चे 2-3 साल की उम्र तक बोलना सीख जाते हैं।
प्रश्न- आखिर बाचे हकलाते क्यों हैं?
उत्तर- मनोवैज्ञानिक और शारीरिक कारणों के आलावा भावनात्मक कारणों से भी बच्चे हकलाते हैं। जैसे माता-पिता ने डांट लगा दी या किसी बात को लेकर जबरदस्ती कर दी तो सेंसिटिव बच्चे हकलाने लगते है।
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