Mental Health: ये 9 आदतें आपके मस्तिष्क पर डालती हैं बुरा प्रभाव, आप बन सकते हैं मानसिक रोगी
शरीर भी तभी सही तरीके से काम करता है जब दिमाग स्वस्थ हो। क्यूंकि मस्तिष्क से हम सोचते, समझते और निर्णय लेते हैं। बढ़ती उम्र के साथ दिमाग का कमजोर होना या याद्दाश्त कम होना आम बात है, परन्तु यदि यही चीज युवावस्था में हो तो इसके बड़ी वजह हो सकती है। अक्सर जाने-अनजाने में हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसी गलतियां करते रहते हैं जिससे आपका दिमाग अच्छे से काम नहीं कर पाता है और आप भूलने की परेशानी से भी झूझने लगते हैं। इसलिए आज से ही अपनी आदतों को बदल लें जिससे आपके दिमाग पर बुरा असर पड़ रहा हो।
तो आइये जानते हैं वो कौनसी बुरी आदतें हैं जिसके कारण दिमाग कमजोर होता है –
ये 9 आदतें आपके मस्तिष्क पर डालती हैं बुरा प्रभाव
हम नित्य प्रतिदिन कुछ ऐसे कार्य करते हैं जिनसे हमारे दिमाग पर बुरा असर पड़ता है और हमें पता नहीं होता कि ये आदतें हमें मस्तिष्क को कमजोर बना रही हैं –
पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना
पानी हमारे शरीर को हाइड्रेट रखता है जिससे हमारा शरीर और मन प्रसन्नचित्त रहते हैं। ये एक शोध में भी पाया गया है कि जब भी आप स्त्री में हों तो घूंट-घूंट पानी पीने से आप अपने तनाव को काफी हद तक कम कर सकते हो। इसलिए जो लोग कम पानी पीते हैं उनके दिमाग की कोशिकाएं सिकुड़ती हैं जिससे भूलने की बीमारी और सोचने की शक्ति कम होती है।
नोट – आयुर्वेद के अनुसार पानी हमेशा सिप-सिप करके ही पीएं। इससे मन और मस्तिष्क शांत होता है और मुंह की लार ज्यादा बनती है और भूख बढ़ती है।
नाश्ता न करना
हम में से बहुत लोग अक्सर ऐसा करते हैं कि जल्दबाजी के चक्कर में या ऑफिस जल्दी पहुंचने के लिए सुबह का नाश्ता नहीं करते या बहुत देर से करते हैं। जबकि सुबह का नाश्ता करना दिमाग व सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। नाश्ता न करने के कारण शरीर में ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है, जिससे मस्तिष्क को सही पोषण नहीं मिल पाता और वह कमजोर हो जाता है।
पूरी नींद न लेना
जो लोग प्रयाप्त नींद नहीं लेते उनके ब्रेन के सेल्स नष्ट होने लग जाते हैं और दिमाग को आराम न मिलने से स्ट्रेस हो जाता है, जो मस्तिष्क को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए कम से कम 7 से 8 घंटे नींद अवश्य लेनी चाहिए। यदि आप विद्यार्थी हैं या कोई ऐसा काम करते हैं जिससे रात को अधिक देर तक जागना होता है तो ऐसी स्थिति में आप योग निद्रा का सहारा ले सकते हैं।
नोट – नींद पर्याप्त लें। ज्यादा सोने से भी दिमाग की कोशिकाएं सिकुड़ती हैं, जिसकी वजह से हमारे मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
ज्यादा मीठा खाना
देखिये खाने की हर चीज में शुगर की थोड़ी-बहुत मात्रा होती है और इसके अलावा जब हम एक्स्ट्रा मीठा खाते हैं तो यह दिमाग को नुकसान पहुंचाता है। शोध यह भी बताते हैं कि ज्यादा मीठा खाने वाले लोगों में पागलपन और भूलने की बोमरी का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए अगर आपको ये आदत है तो इस पर समय रहते लगाम लगाएं।
धूम्रपान करना
सिगरेट पीना शरीर और दिमाग दोनों के लिए हानिकारक है। अधिक धूम्रपान करने से मस्तिष्क की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं जिससे याददाश्त कमजोर होने लगती है। साथ ही ये फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और सांस से जुडी गंभीर हो सकती हैं।
सिर ढक कर न सोएं
कुछ लोगों की आदत होती है कि वे रात को सिर ढककर सोते हैं जिससे दिमाग को पूरी तरह से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इसके कारण सिर दर्द होना, तनाव रहना और भ्रम पैदा होने जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है।
जरूरत से अधिक खाना
ज्यादा भोजन करने से आपका मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है। दिनभर सुस्ती और आलस बना रहता है, जिससे मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है। खासकर जो लोग ज्यादा जंक फ़ूड खाते हैं, उन्हें भूलने की बीमारी, उल्टी और चक्कर आने की समस्या हो जाती है। इसलिए भोजन उतना ही करें जितनी भूख है या उससे थोड़ा कम भी चलेगा परन्तु ज्यादा नहीं।
नोट – जंक फ़ूड का सेवन जहाँ तक हो सके बिल्कुल बंद कर दें या बहुत ही कम खाएं।
कोई व्यायाम न करना
शरीर हो या दिमाग दोनों के लिए व्यायाम अति आवश्यक है। 15-20 min का हल्का व्यायाम करने से शरीर और दिमाग दोनों तरोताजा हो जाते हैं। किसी भी प्रकार की कोई भी शारीरिक या मानसिक गतिविधि न करना दिमाग की सोचने समझने की शक्ति को कम करता है और अन्य कई रोग जैसे डायबिटीज, हाई बीपी जैसे रोग उत्पन्न करता है।
नोट – मानसिक शक्ति को बढ़ाने के लिए और दिमाग की कोशिकाओं को प्रबल बनाने के लिए ध्यान योग बहुत ही उत्तम है।
तनाव
तनाव आपके दिमाग के लिए बहुत ही घातक हो सकता है। जर्नल ऑफ़ न्यूरोसाइंस में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार जब आप तनाव में होते हैं तब शरीर में कार्टिसोल नामक एक हॉर्मोन रिलीज़ होता है जो आपके ब्रेन को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए तनाव को अपने जीवन से दूर रखें।
नोट – तनाव को दूर करने के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम बहुत उपयोगी है।
सम्बन्धित प्रश्न
प्रश्न- क्या है ये मानसिक रोग?
उत्तर- मानसिक रोग सिर्फ मस्तिष्क पर नहीं पूरे शरीर पर असर डालता है। इससे मनुष्य के सोचने-समझने की शक्ति कम होने लगती है, याद्दाश्त कमजोर होने लगती है, खाने-पीने की समझ नहीं रह जाती, किसी भी चीज की लत लग जाती है। मानसिक रोग से व्यक्ति में चिंता, तनाव और डिप्रेशन आदि हो जाता है।
प्रश्न- दिमाग को मजबूत कैसे बनाएं?
उत्तर- खाने में आपको कुछ चीजें शामिल करनी होंगी जैसे बादाम, अखरोट, हरी पत्तेदार सब्जियां और मौसमी फल आदि से दिमाग मजबूत किया जा सकता है। ये तो थी खाने-पीने की चीजें
योगासन, प्राणायाम और ध्यान – आसनों में सर्वांगासन, मत्स्यासन और प्राणायाम में अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका तथा ध्यानयोग के माध्यम से भी दिमाग को मजबूत किया जा सकता है।
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